बहुत बड़ी तो उपलब्धि तो नहीं पर - यह देखते हुऐ कि यह पॉडकास्ट मुख्यतः पेटेंट और आज की दुर्गा की चिट्ठियों के हैं - कम भी नहीं कहे जा सकते। यह विषय न केवल गंभीर हैं, पर मुश्किल भी।
जैसे अरुणा जी का कहना है कि, पॉडकास्ट के जरिये हम उन लोगों तक पहुंच सकेते हैं जो देवनागरी पढ़ नहीं सकते पर समझ सकते हैं - पॉडकास्ट आने वाले समय में और महत्वपूर्ण होंगे और उनकी भूमिका बढ़ेगी।
देखते हैं यह साल पॉडकास्टिंग के लिये कैसा रहता है।
क्या रहे मेरे अनुभव, क्यों मैंने ogg फॉरमैट को छोड़ कर mp3 में पॉडकास्ट करना शुरू कर दिया - यह सब सुनने के चिन्ह ► तथा बन्द करने के लिये चिन्ह ।। पर चटका लगायें।
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