अंग्रेजी साहित्य में पांच प्रसिद्घ रूमानी कवि हुए हैं, पर्सी बिश शॅली उनमें से एक हैं, बाकी चार वर्डस्वर्थ, कोलरिज, बाइरन और कीटस् हैं। शॅली एक उपदेशक थे और अपनी कविता के द्वारा समाज सुधार करना चाहते थे। उनकी मृत्यु ३० साल की कम उम्र में हो गयी इसलिए कहना मुश्किल है कि यदि वे जीवित रहते तो यह सम्भव होता या नहीं। यह भी अपने में एक प्रश्न है कि कविता के द्वारा ऐसा कार्य संभव है या नहीं।
शॅली का जन्म ४ अगस्त १७९२ में हुआ था। इन्होंने अपना स्कूली जीवन ईटन (Eton) में व्यतीत किया और उच्च शिक्षा के लिए आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में प्रवेश किया। १९११ में, उन्होंने The necessity of Atheism नाम से एक पर्चा प्रकाशित किया जिसके कारण उन्हें आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से निष्कासित कर दिया गया।
आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से निष्कासित किये जाने के बाद ही, उन्नीस साल की उम्र में शॅली का प्रेम १६ साल की हैरियट बेस्टब्रुक से हुआ जिसके साथ उन्होंने शादी रचायी। शॅली भावनात्मक व्यक्ति थे और बहुत जल्द ही उनका प्रेम एक दूसरी १६ साल की लड़की , मैरी गाडविन के साथ चलने लगा; वे उसके साथ १८१४ में यूरोप भाग गये। १८१६ में जब वे वापस इंगलैंड आये तो शॅली की पहली पत्नी हैरियट की मृत्यु, दुर्घटना के कारण हो गयी। शॅली ने मैरी से शादी कर ली। वे पुन: १८१८ में यूरोप गये वहां बाइरन के साथ रहे और इन दोनों के कहने पर मैरी ने फ्रैंकेस्टाइन नामक किताब लिखी जो कि विज्ञान की कल्पित कहानियों में सबसे ज्यादा जानी-मानी पुस्तक है। और इसके बारे में मैं यहां बता चुका हूं। ८ जुलाई १९२२ में जब शॅली ३० साल के भी नहीं हुये थे, इटली के पास समुद्र में, उनकी नाव डूब जाने के कारण उनकी मृत्यु हो गयी।
शॅली और मैरी दोनों ही शाकाहारी होने की वकालत करते थे और उन्होंने इस बारे में कई लेख भी लिखे जिसमें कि प्रमुख है, “A Vindication of Natural Diet” and “On the Vegetable System of Diet.”
शॅली की कवितायें अंग्रेजी साहित्य की धरोहर है इनकी एक कविता 'To a Skylark' है। स्काईलार्क एक छोटी सी चिड़िया है। यह ऊंचे आकाश में उड़ना पसन्द करती है। इनकी आवाज मधुर होती है। यह अपनी आवाज के लिये जानी जाती है।
महिला स्काईलार्क चिड़ियाएं, उन पुरुष स्काईलार्क चिड़ियाओं को पसन्द करती हैं जो जितने ज्यादा समय के लिये गा सकते हैं। यदि आप इस चिड़िया की आवाज सुनना चाहें या फिर इसके बारे में जानना चाहें तो बीबीसी रडियो पर यहां सुन सकते हैं।
'To a Skylark' कविता के पहले भाग में, शॅली इस चिड़िया के बारे में बात करते हैं और दूसरे भाग में, उससे प्रेरित होकर अपनी भावनायें, अपने जीवन का दर्शन बताते हैं। इस चिट्ठी का शीर्षक इसी कविता का भाग है और उनके द्वारा की गयी रचना का सबसे ज्यादा प्रसिद्ध उद्घरण। यह जिस छन्द से लिया गया है वह इस प्रकार है,
'We look before and after,
And pine for what is not:
Our sincerest laughter
With some pain is fraught;
Our sweetest songs are those that tell of saddest thought.'
यह छन्द बताता है कि हम, भावनात्मक स्तर पर, सबसे ज्यादा बीते हुऐ पलों से जुड़े होते हैं। यह पल ही हमारे लिये बहुमूल्य हैं। वे ही हमारे जीवन के सबसे सुनहरे पल हैं। वे बीते हुऐ हैं - वापस नहीं आ सकते। इसी लिये उनके लिये हम सबसे ज्यादा दुखी होते हैं। यही कारण है दर्द और मिठास के अनोखे रिश्ते का।
पर सवाल है कि, मैंने क्यों 'हमने जानी है जमाने में रमती खुशबू' की शुरू की? मैं क्यों इस रिश्ते की चर्चा कर रहा हूं? मैंने क्यों शॅली की 'To a Skylark'कविता की इस पंक्ति के बारे में बात की? मैंने क्यों इस श्रंखला की भूमिका के लिये एक दर्द भरी शायरी रखी?
सच यह है कि, इसका सम्बन्ध कुछ हिन्दी जगत में प्रकाशित एक चिट्ठी से है। यह अगली बार।
भूमिका।। Our sweetest songs are those that tell of saddest thought।। कोई लौटा दे मेरे बीते हुए दिन, बीते हुए दिन वो मेरे प्यारे पल छिन।। Love means not ever having to say you're sorry ।। अम्मां - बचपन की यादों में।। रोमन हॉलीडे - पत्रकारिता।। यहां सेक्स पर बात करना वर्जित है।। जो करना है वह अपने बल बूते पर करो।। करो वही, जिस पर विश्वास हो।। अम्मां - अन्तिम समय पर।। अनएन्डिंग लव।। प्रेम तो है बस विश्वास, इसे बांध कर रिशतों की दुहाई न दो।। निष्कर्षः प्यार को प्यार ही रहने दो, कोई नाम न दो।। जीना इसी का नाम है।।
इस चिट्ठी के चित्र विकीपीडिया से है और ग्नू स्वतंत्र अनुमति पत्र की शर्तों के अन्तर्गत प्रकाशित किये गये हैं।
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