१.३ पेटेंट - इतिहास की दृष्टि में

भाग-१: पेटेंट
पहली पोस्ट: भूमिका
दूसरी पोस्ट: ट्रिप्स (TRIPS)
यह पोस्ट: पेटेंट के इतिहास के बारे में

यदि आप, इस चिट्ठी को पढ़ने के बजाय, सुनना पसन्द करें तो इसे मेरी 'बकबक' पर यहां और यहां क्लिक करके सुन सकते हैं। यह ऑडियो क्लिप, ogg फॉरमैट में है। इस फॉरमैट की फाईलों को आप,
Windows पर कम से कम Audacity एवं Winamp में;
Linux पर लगभग सभी प्रोग्रामो में; और
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सुन सकते हैं।

मैने इसे ogg फॉरमैट क्यों रखा है यह जानने के लिये आप मेरी शून्य, जीरो, और बूरबाकी की चिट्ठी पर पढ़ सकते हैं। अब चलते हैं इस चिट्ठी पर।

‘पेटेंट’ का शब्द, लैटिन के शब्द Lilterae Patents से आया है । पेटेंट का अर्थ है ‘खुला’, और Lilterae Patents का शाब्दिक अर्थ है (Letters patents) या खुले पत्र। पुराने जमाने में शासको या सरकारों के द्वारा पदवी, हक, विशेष अधिकार पत्र के द्वारा दिया जाता था। यह शासकीय दस्तावेज होता था और इन्हे चूंकि सार्वजनिक रूप से दिया जाता था, इसलिए यह हमेशा ‘खुले’ रहते थे।

यूरोप में ६वीं शताब्दी में से इस तरह के पत्र दिये जाते थे। यह शासक की ओर से विदेशी भूमि की खोज तथा उस पर विजय के लिये जारी किये जाते थे। आजकल पेटेंट शब्द का प्रयोग आविष्कारों के संबंध में होता है। इस तरह का प्रयोग पहली बार १५वीं शताब्दी के आस-पास आया और सर्वप्रथम पेटेंट कानून जैसा इसे आज समझा जाता हैं, सबसे पहले १४ मार्च, १४७४ को वियाना सिनेट (Ventian Senate) के द्वारा को पारित किया गया।

पेटेंट आविष्कारकों को अनन्य (Exclusive) अधिकार देता है । यह बहुत जल्दी इटली से यूरोप के अन्य देशों तक फैल गया। जिन देशों के पास प्रौद्योगिकी नहीं थी, उन्होंने प्रौद्योगिकी को स्थापित करने के लिए विदेशी आविष्कारकों को पेटेंट देना शुरू कर दिया । इंगलैंड में पहले इसकी अवधि नहीं थी पर ब्रिटिश संसद ने १६२३ में नया कानून बनाकर इसे १४ वर्षो तक सीमित कर दिया।

अमेरिका के संविधान के अनुच्छेद १ अनुभाग ८ के अन्तर्गत अमेरिकी कॉग्रेस को विज्ञान और कलाओं की प्रगति के लिये कानून बनाने का अधिकार है । इस परिप्रेक्ष्य में कांग्रेस ने १७९० में पहला पेटेंट कानून पारित किया । फ्रान्स ने इसके अगले वर्ष पेटेंट कानून बनाया। १९वीं शताब्दी के अंत तक अनेक देशों ने अपना (जिसमें भारतवर्ष भी सम्मिलित है) पेटेंट कानून बनाया ।

भारतवर्ष में पेटेंट कानून का इतिहास
भारतवर्ष में पहला पेटेंट सम्बन्धित कानून, १८५६ मे पारित अधिनियम था। इसे २५ फरवरी १८५६ को गवर्नर जनरल की अनुमति प्राप्त हो गयी थी पर यह कानून १८५७ में अधिनियम सं0 ९ के द्वारा इसलिये खारिज कर दिया गया कि इसे बनाने के पूर्व इंगलैंड की महारानी की मंजूरी नहीं प्राप्त की गयी थी।

नये अविष्कार के उत्पादकों को प्रोत्साहित करने के लिये अधिनियम सं0 १५ सन १८५९, को पारित किया। बाद में यह Inventions and Designs Act 1888 के द्वारा प्रतिस्थपित कर दिया गया। इसके बाद १९११ में Indian Patents and Designs Act १९११ आया। 1967 में भारत सरकार ने पार्लियामेंट में पेटैंट बिल पेश किया जो Patent Act १९७० (पेटेंट अधिनियम ) के रूप में पास हुआ। पेटेंट अधिनियम को तीन बार निम्न प्रकार से संशोधित किया गया है ।
  • संशोधन अधिनियम सं. १७, १९९९ (१९९९ संशोधन);
  • संशोधन अधिनियम सं. ३८,२००२ (२००२ का संशोधन);
  • संशोधन अधिनियम सं. १५, २००५ (२००५ का संशोधन)।
यह तीनों संशोधन महत्वपूर्ण हैं, इनके बारे में आगे चर्चा होगी।

मेरा प्रयत्न रहेगा कि इस सिरीस की चिट्ठियां और इनकी ऑडियो क्लिपें, भारतीय समय के अनुसार हर बृहस्पतिवार की रात्रि को पोस्ट होंं। अगले बृहस्पतिवार को हम लोग नहीं मिल पायेंगे अब मुलाकात होगी उसके बाद के बृहस्पतिवार यानी कि ३ अगस्त को।

अन्य चिट्ठों पर क्या नया है इसे आप दाहिने तरफ साईड बार में, या नीचे देख सकते हैं।

१.२ पेटेंट - ट्रिप्स (TRIPS)

इस सिरीस की पहली चिट्ठी पर इसकी चर्चा का क्रम तय किया था और इस बार ट्रिप्स के बारे में।

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20वीं शताब्दी के अन्त होते, होते यह लगने लगा था कि 21वीं शताब्दी में बौद्धिक सम्पदा अधिकार महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे। इसलिये 1980 के दशक में General Agreement of Trade and Tariff (G A T T या गैट ) के आंठवें चक्र में अमेरिका ने यह कहना शुरू किया कि इन अधिकारों को भी गैट में रखा जाय। 1990 के दशक में विश्व व्यापार संगठन (World Trade Organisation (WTO या डब्लू. टी. ओ.) की स्थापना हुई इसके चार्टर में कई समझौते हैं उनमें से एक Agreement on the Trade Related Aspect of Intellectual Property Rights, ( TRIPS या ट्रिप्स ) है। हम डब्लू. टी. ओ. के सदस्य हैं इसलिए यह हम पर भी लागू है । ट्रिप्स सात प्रकार की बौद्धिक संपत्ति अधिकारों की चर्चा करता है :
  1. Copyright and Related Rights, प्रतिलिपि प्राप्त करने तथा उससे सम्बन्धित अधिकार (कौपीराईट एवं रिलेटेड राईटस)
  2. Trade Mark, ट्रेड मार्क
  3. Geographical Indication, भौगोलिक उपदर्शन
  4. Industrial Design, औद्योगिक डिज़ाईन
  5. Patents, पेटेंट
  6. Layout- designs (Topography ) of Integrated Circuit, इन्टीग्रेटेड सर्किट की डिज़ाईन
  7. Protection of undisclosed Information,अप्रकाशि‍त सूचना का संरक्षण या Trade Secret ट्रेड सीक्रेट

ट्रिप्स, बौद्धिक सम्पत्ति के अधिकारों के न्यूनतम मानकों को तय करता है और सदस्य देशों को उसके अनुपालन के लिए बाध्य करता है । इसीलिये हमें बौद्धिक संपदा अधिकार से सम्बन्धित कानूनों को संशोधित करना पडा। यह संशोधन करने के लिये अलग अलग तरह के देशों के लिये अलग समय की सीमा है। हमें 31-12-2004 तक कानून में संशोधन करना था। हमारी सरकार के अनुसार यह कर दिया गया है। पर बौद्धिक सम्पदा अधिकार के क्षेत्र में बहुत कुछ करना बाकी है जो कि अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर ही उठा कर किया जा सकता है। इसके लिए हमें प्रयत्न करना चाहिये। इन सबकी चर्चा हम अंतिम भाग में करेंगे।


अगली बार: पेटेंट - इतिहास की दृष्टि में।

मेरा प्रयत्न रहेगा कि इस सिरीस की चिट्ठियां और इनकी ऑडियो क्लिपें, भारतीय समय के अनुसार हर बृहस्पतिवार की रात्रि को पोस्ट होंं। तो फिर मिलेंगे अगले बृहस्पतिवार २० जुलाई को।

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१.१ पेटेंट – भूमिका

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बौद्धिक सम्पदा अधिकार मस्तिष्क की उपज हैं और इनमे सबसे महत्वपूर्ण हैं - पेटेंट। पेटेंटी, पेटेंट का उल्लंघन करने वाले तरीके या उत्पाद के निर्माण को न्यायालय द्वारा रूकवा सकता है। बहुत से लोग यह कहते हैं कि पेटेंट विज्ञान को आगे बढाता हैं पर बहुत से लोग यह भी कहते हैं कि इस युग में पेटेंट विज्ञान की प्रगति पर बाधा पहुंचा रहा है। इसलिये यह जरूरी है कि हम पेटेंट को समझें और देखें कि वह हमारे देश की उन्नति में बाधा न बने।

पेटेंट की चर्चा बड़ी है और हम इसे चार भागों में तय करेगें।
  1. पेटेंट: इस भाग में हम पेटेंट के बारे में आम चर्चा करेगें;
  2. पेटेंट और कमप्यूटर प्रोगाम: यह विवादास्पद विषय है और इस भाग में विभिन्न देशों में कानून की स्थिति पर नजर डालेंगे;
  3. पेटेंट पौधों की किस्में एवं जैविक भिन्नता: इस भाग में परम्परागत जानकारी (Traditional Knowledge) की चर्चा के साथ बासमती, हल्दी, नीम, और नप-हल गेहूं के मुकदमों के बारे में भी चर्चा करेंगे; और
  4. पेटेंट - कुछ विचारणीय प्रश्न: पिछले तीन भागों में, पेटेंट की चर्चा से उठे प्रश्नो का जिक्र और कुछ हल ढूंढने का प्रयत्न करेंगे।

यह भाग भी अपने में बडे हैं। इसलिए इनमें भी एक क्रम से चलेंगे और कई चिट्ठियां में पूरा करेंगे। पहले भाग की चर्चा का क्रम इस प्रकार से रहेगा:-
  • Agreement on the Trade Related Aspect of Intellectual Property Rights, (TRIPS या ट्रिप्स);
  • इतिहास की दृष्टि मे पेटेंट ;
  • अपने देश में पेटेंट कानून का इतिहास;
  • पेटेंट प्राप्त करने की विधि का सरलीकरण;
  • पेटेंट किसके लिये दिया जा सकता है; और
  • पेटेंटी के अधिकार एवं दायित्व।
अगली चर्चा - ट्रिप्स के बारे में।

कुछ नया सीखने की दृष्टि से, इस सिरीस की चिट्ठियों के साथ, इसकी पॉड-कास्टिंग भी कर रहा हूं। मेरा प्रयत्न रहेगा कि इस सिरीस की चिट्ठियां और इनकी ऑडियो क्लिपें, भारतीय समय के अनुसार हर बृहस्पतिवार की रात्रि को पोस्ट होंं। तो फिर मिलेंगे अगले बृहस्पतिवार १३ जुलाई को।

अन्य चिट्ठों पर क्या नया है इसे आप दाहिने तरफ साईड बार में, या नीचे देख सकते हैं।
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