सिक्किम में, क्या लड़कियां की संख्या, लड़कों से ज्यादा हैं?

सिक्किम यात्रा की इस कड़ी में, गैंगटॉक का चिड़िया घर, तारगाड़ी और खाना कहां खायें के बारे में चर्चा है।

हम लोग गैंगटॉक  में वहीं का खाना खाना चाहते थे। इसके  लिए  हमें तिब्बत होटल में खाने के लिये  सुझाव दिया गया था। इस होटल में स्नो लायन (Snow Lion) नाम का रेस्ट्रां   है। यहां वेटर ने हमें शाकाहरी खाना के लिए Vegetarian  chetse Detse और  Vegetarian Phing she rice  खाने की सलाह दी। इसमें सब्जी उबाल कर बनायी गयी थी और मसाला बहुत कम था। हमें यह खाना पसन्द आया।  हमने अगले दिन पुन: वहां खाना खाने गये और मांसाहारी खाना खाया।


गैंगटॉक में तारगाड़ी  (Rope way) भी है। यह तारगाड़ी  गुलमर्ग के बराबर तो अच्छी नहीं है पर तारगाड़ी पर चढ़ने का एक अलग मजा है। यह  बहुत ऊंची  है और इसमें गैंगटॉक शहर दिखाई पडता है। हम लोग इस पर घूमने के बाद चिड़ियाघर  देखने  गये।

मुन्ने को जानवर बहुत पंसद है। इसलिए हम जहां भी जाते थे वहां चिड़ियाधर या राष्ट्रीय उद्यान अवश्य जाते थे। मैंने कई जगह के चिड़ियाघर देखें है पर  गैंगटॉक तरह का चिड़ियाघर नहीं देखा है। इसमे  जानवर तो  कम  हैं लेकिन  यह है   अजूबा। सच पूछिए तो यह चिड़ियाघर नहीं,  जंगल है जंगल - जंगलो के बीच, उसी में जानवरों का रहने का स्थान।  यहां पर मुझे, मालुम नहीं क्यों, जुरैसिक पार्क (Jurassic Park) फिल्म की याद आयी।


यहां हमने  कुछ ऎसे जानवर देखे जो वास्तव में कभी नहीं देखे। इनमें स्नो लेपर्ड    (Snow leopard) लाल पांडा (Red panda),  हिमालयन पाम सिवेट (Himalayan palm civet) टाइगर बिल्ली, तिब्बती भेड़िया (Tibetan wolf)  शामिल है। 



चिड़ियाघर  के  बीच छोटी सी दुकान जगह है, जहां पर चाय व कोल्ड ड्रिंक आदि ले सकते है ।  इस दुकान को दो बहने चलाती  हैं। बड़ी बहन का नाम मीना कुमारी प्रधान है । हमनें वहीं बैठकर  चाय पी। गैंगटॉक मे कुछ लड़किया या महिलाएं देखने को ज्यादा मिलती है और दुकानो को वही चलाती  है। हमनें पूछा कि ऎसा क्यों है तो उसने बताया,
'यहाँ पर पति और पत्नी दोनों काम करते हैं। मेरे पति  ए०जी०आफिस में काम करते हैं और मैं इस दुकान को अपनी बहन की सहायता से चलाती हूं  मैं कुछ पैसा कमाना चाहती हूं। ताकि अपने बच्चों को पढने के लिए  कलकत्ता भेज सकूं।'

मेरे दूसरे सवाल पर कि क्या सिक्किम में महिलाएं ज्यादा हैं?  उसने कहा, 
'यह  सच है क्योंकि यहाँ पर ४ लड़कियां है तो केवल एक लड़का है।'

मैं नहीं समझता हूं कि  लड़कियों और लड़को में इतना अन्तर हो सकता है। मैं हमेशा यही समझता हूं कि लड़की और लड़के के पैदा होने की संभावना बराबर है। मैंने कुछ समय पहले इसी सिद्धान्त पर एक सवाल पूछा था। यदि आपने इसे नहीं देखा हो और कुछ दिमागी कसरत करना चाहें तो यहां देखें और इसका जवाब यहां है।



मुन्ना जीव संबन्धी क्रियाओं  को, गणित द्वारा समझने का काम करता है। उसका कहना है कि, 
'महिलाओं में एक्स-एक्स क्रोमोसोम होता है और पुरूषो में एक्स -वाई क्रोमोसोम होता है। और वाई क्रोमोसोम, एक्स क्रोमोसोम से छोट होता है और तेज चलता है इसलिये इससे गर्भाधान होने की संभावना ज्यादा होती है पर पुरूषों का गर्भपात ज्यादा होता इसलिये पैदा होने वाले बच्चों में लड़के और लड़कियो की संख्या लगभग बराबर रहती है।'
मालुम नहीं कौन ठीक है - मैं या मुन्ना। ऐसे यह रिपोर्ट कुछ ऐसा ही कहती है।


इस कड़ी में अगली बार गैंगटॉक में कुछ और घूमने की जगह पर चलेंगे।


सिक्किम यात्रा
क्या आप इस शख्स को जानते हैं?।। सिक्किम - छोटा मगर सुन्दर।। गैंगटॉक कैसे पहुंचें।। टिस्ता नदी (सिक्किम) पर बांध बने अथवा नहीं।। नाथुला पास – भारत चीन सीमा।। क्या ईसा मसीह सिल्क रूट से भारत आये थे।। मंदाकिनी झरना - 'राम तेरी गंगा मैली' फिल्म वाला।। सात राजकुमारियां, जिन्होंने प्रकृति से शादी कर ली।। तारीफ करूं क्या उसकी जिसने तुझे बनाया।। फूलों के रंग से ... लिखी ... पाती।। मस्का नहीं, मस्कारा कैसे लगायें और मस्का पायें।। सिक्किम में, क्या लड़कियां की संख्या, लड़कों से ज्यादा हैं?।।

हिन्दी में नवीनतम पॉडकास्ट Latest podcast in Hindi
(सुनने के लिये चिन्ह शीर्षक के बाद लगे चिन्ह ► पर चटका लगायें यह आपको इस फाइल के पेज पर ले जायगा। उसके बाद जहां Download और उसके बाद फाइल का नाम अंग्रेजी में लिखा है वहां चटका लगायें।: Click on the symbol ► after the heading. This will take you to the page where file is. Click where 'Download' and there after name of the file is written.)

यह ऑडियो फइलें ogg फॉरमैट में है। इस फॉरमैट की फाईलों को आप -
  • Windows पर कम से कम Audacity, MPlayer, VLC media player, एवं Winamp में;
  • Mac-OX पर कम से कम Audacity, Mplayer एवं VLC में; और
  • Linux पर सभी प्रोग्रामो में - सुन सकते हैं।
बताये गये चिन्ह पर चटका लगायें या फिर डाउनलोड कर ऊपर बताये प्रोग्राम में सुने या इन प्रोग्रामों मे से किसी एक को अपने कंप्यूटर में डिफॉल्ट में कर लें।


Sikkim Yatra kee is post per Gangtok mein zoo, ropeway aur khaana khan khaayen kee chrchaa hai. yeh hindi (devnagree) mein hai. ise aap roman ya kisee aur bhaarateey lipi me padh sakate hain. isake liye daahine taraf, oopar ke widget ko dekhen.

This post is about zoo, ropeway, and where to eat food in Gangtok.  It is in Hindi (Devnaagaree script). You can read it in Roman script or any other Indian regional script also – see the right hand widget for converting it in the other script.



सांकेतिक शब्द
Gangtok, Sikkim, गैंगटॉक, सिक्किम,
Travel, Travel, travel and places, Travel journal, Travel literature, travel, travelogue, सिक्किम, सैर सपाटा, सैर-सपाटा, यात्रा वृत्तांत, यात्रा-विवरण, यात्रा विवरण, यात्रा संस्मरण,





Reblog this post [with Zemanta]

आचार्य चतुरसेन के द्वारा लिखी पुस्तक - वयं रक्षाम:


यह चिट्ठी आचार्य चतुरसेन के द्वारा लिखी गयी पुस्तक व्यं रक्षाम: की पुस्तक समीक्षा है।

मैंने 'बाईबिल, खगोलशास्त्र, और विज्ञान कहानियां' की श्रंखला की चिट्ठी 'क्रिस्मस को बड़ा दिन क्यों कहा जाता है' लिखा था,

'जीतने के लिये, अपनी संस्कृति, सभ्यता, और धर्म कायम करो।'

मैंने  कई साल पहले आचार्य चतुरसेन की पुस्तक वयं रक्षाम: पढ़ी थी। इसके मुख्य पात्र रावण है न कि राम। यह रावण से संबन्धित  घटनाओं का जिक्र करती है और उनका दूसरा पहलू दिखाती है।  मुझे ऐसा ख्याल था कि यह बात मैंने इस पुस्तक में पढ़ी थी। मैंने इस चिट्ठी को लिखने से पहले इस पुस्तक को पुनः पढ़ा। इसमें यह पंक्ति तो नहीं मिली पर आर्य और संस्कृति के  संघर्ष के बारे में चर्चा है। 

आर्य संस्कृति के बारे में यह कुछ इस प्रकार बताती है,

'उन दिनों तक भारत के उत्तराखण्ड में ही आर्यों के सूर्य-मण्डल और चन्द्र मण्डल नामक दो राजसमूह थे। दोनों मण्डलों को मिलाकर आर्यावर्त कहा जाता था। उन दिनों आर्यों में यह नियम प्रचलित था कि सामाजिक श्रंखला भंग करने वालों को समाज-बहिष्कृत कर दिया जाता था। दण्डनीय जनों को जाति-बहिष्कार के अतिरिक्त प्रायश्चित जेल और जुर्माने के दण्ड दिये जाते थे। प्राय: ये ही बहिष्कृत जन दक्षिणारण्य में निष्कासित, कर दिये जाते थे। धीरे-धीरे इन बहिष्कृत जनों की दक्षिण और वहां के द्वीपपुंजों में दस्यु, महिष, कपि, नाग, पौण्ड, द्रविण, काम्बोज, पारद, खस, पल्लव, चीन, किरात, मल्ल, दरद, शक आदि जातियां संगठित हो गयी थीं।'

पुस्तक के अनुसार  रावण ने दक्षिण में जोड़ने के लिए नयी संस्कृति का प्रचार किया। उसने उसे रक्ष  संस्कृति का नाम दिया। रावण जब भगवान शिव की शरण में गया तो उसने इसे कुछ इस तरह से बताया, 

'हम रक्षा करते हैं। यही हमारी रक्ष-संस्कृति है। आप देवाधिदेव हैं। आप देखते ही हैं कि आर्यों ने आदित्यों से पृथक् होकर भारतखण्ड में आर्यावर्त बना लिया है। वि निरन्तर आर्यजनों को बहिष्कृत कर दक्षिणारण्य में भेजते रहते हैं। दक्षिणारण्य में इन बहिष्कृत वेद-विहीनव्रात्यों के अनेक जनपद स्थापित हो गये हैं। फिर भारतीय सागर के दक्षिण तट पर अनगिनत द्वीप-समूह हैं, जहां सब आर्य, अनार्य, आगत, समागत, देव, यक्ष, पितर, नाग, दैत्य, दानव, असुर परस्पर वैवाहिक सम्बन्ध करके रहते हैं। फिर भी सबकी संस्कृति भिन्न है, परन्तु हमारा सभी का एक ही नृवंश है और हम सब परस्पर दायाद बान्धव हैं। मैं चाहता हूं कि मेरी रक्ष-संस्कृति में सभी का समावेश हो, सभी की रक्षा हो। इसी से मैंने वेद् का नया संस्करण किया है और उसमें मैंने सभी दैत्यों-दानवों की रीति-परम्पराओं को भी समावेशित किया है, जिससे हमारा सारा ही नृवंश एक वर्ग और एक संस्कृति के अन्तर्गत वृद्घिगत हो। आप देखते हैं कि गत एक सौ वर्षों में तेरह देवासुर-संग्राम हो चुके, जिनमें इन बस दायाद् बान्धवों ने परस्पर लड़कर अपना ही रक्त बहाया। विष्णु ने दैत्यों से कितने छल किए। देवगण अब भी अनीति करते हैं। काश्यप सागर-तट की सारी दैत्यभूमि आदित्यों  ने छलद्घबल से छीनी है। अब सुन रहा हूं कि देवराट् इन्द्र चौदहवें देवासुर-संग्राम की योजना बना रहा है। ये सब संघर्ष तथा युद्घ तभी रोके जा सकते हैं, जब सारा नृवंश एक संस्कृति के अधीन हो इसीलिये मैंने अपनी वह रक्ष-संस्कृति प्रतिष्ठित की है।'

इस पुस्तक के अनुसार रावण ने उत्तर भारत में अपने दो सैन्य सन्निवेश स्थापित किये पहला दण्डकारण्य में और दूसरा नैमिषारण्य।

दण्डकारण्य का राज्य अपनी बहिन सूर्पनखा को दिया। उसे वहां अपने मौसी के बेटे खर और सेनानायक दूषण को चौदह हजार सुभट राक्षस देकर उसके साथ भेज दिया। दण्डकारण्य में राक्षसों का एक प्रकार से अच्छी तरह प्रवेश हो गया तथा भारत का दक्षिण तट भी उसके लिए सुरक्षित हो गया।

लंका में कुबेर को भगा देने के बाद बहुत सारे यक्ष यक्षणी वहीं रूक गये थे। ताड़का भी एक यक्षणी थी। उसने रक्ष संस्कृति स्वीकार कर ली।  उसने रावण से कहा,

'हे रक्षराज, आप अनुमति दें तो मैं आपकी योजनापूर्ति में सहायता करूं। आप मेरी बात ध्यानपूर्वक सुनिए। मेरा पिता सुकेतु यक्ष महाप्रतापी था। भरतखण्ड में- नैमिषारण्य में उसका राज्य था। उसने मुझे सब शस्त्र-शास्त्रों की पुरूषोचित शिक्षा दी थी और मेंरा विवाह धर्मात्मा जम्भ के पुत्र सुन्द से कर दिया था जिसे उस पाखण्डी ऋषि अगस्त्य ने मार डाला। अब उस वैर को हृदय में रख मैं अपने पुत्र को ले जी रही हूं। जो सत्य ही आप आर्यावर्त पर अभियान करना चाहते हैं, तो मुझे और मेरे पुत्र मारीच को कुछ राक्षस सुभट देकर नैमिषारण्य में भेज दीजिए, जिससे समय आने पर हम आपकी सेवा कर सकें। वहां हमारे इष्ट-मित्र, सम्बन्धी-सहायक बहुत हैं, जो सभी राक्षस -धर्म स्वीकार कर लेंगे।'

रावण ने, ताड़का की यह बात मान ली। उसे राक्षस भटों का एक अच्छा दल दिया जिसका सेनानायक उसी के पुत्र मारीच को बनाया तथा सुबाहु राक्षस को उसका साथी बनाकर नैमिषारण्य में भेज दिया।

पुस्तक के अनुसार जो बिहार प्रान्त में जो शाहाबाद जिला सोन और गंगा के संगम के निकट है वही उस काल में नैमिषारण्य था। आज का नासिक उस समय एक दण्डकारण्य कहलाता है। मैं नहीं जानता कि यह कितना प्रमाणिक है। क्या वहां पर इसका कोई सबूत है अथवा नहीं। यदि किसी को कुछ मालुम हो तो क्या कुछ इस बारे में लिखेंगे।

यह पुस्तक रावण से संबन्धित बहुत सी घटनाओं को बताती है। यदि आपको पौराणिक घटनाओं में रूचि हैं तो इस पुस्तक को पढ़ें।


हिन्दी में नवीनतम पॉडकास्ट Latest podcast in Hindi
(सुनने के लिये चिन्ह शीर्षक के बाद लगे चिन्ह ► पर चटका लगायें यह आपको इस फाइल के पेज पर ले जायगा। उसके बाद जहां Download और उसके बाद फाइल का नाम अंग्रेजी में लिखा है वहां चटका लगायें।: Click on the symbol ► after the heading. This will take you to the page where file is. Click where 'Download' and there after name of the file is written.)

यह ऑडियो फइलें ogg फॉरमैट में है। इस फॉरमैट की फाईलों को आप -
  • Windows पर कम से कम Audacity, MPlayer, VLC media player, एवं Winamp में;
  • Mac-OX पर कम से कम Audacity, Mplayer एवं VLC में; और
  • Linux पर सभी प्रोग्रामो में - सुन सकते हैं।
बताये गये चिन्ह पर चटका लगायें या फिर डाउनलोड कर ऊपर बताये प्रोग्राम में सुने या इन प्रोग्रामों मे से किसी एक को अपने कंप्यूटर में डिफॉल्ट में कर लें।



yah post Acharya Chatursen ke dvar likhee pustak 'Vayam Rakshamah'  kee smeekshaa hai. yah hindee {devanaagaree script (lipi)} me hai. ise aap roman ya kisee aur bhaarateey lipi me padh sakate hain. isake liye daahine taraf, oopar ke widget ko dekhen.

This post is review of the book 'Vayam Rakshamah' written by Acharya Chatursen. It is in Hindi (Devnaagaree script). You can read it in Roman script or any other Indian regional script also – see the right hand widget for converting it in the other script.


सांकेतिक शब्दbook, book, books, Books, books, book review, book review, book review, Hindi, kitaab, pustak, Review, Reviews, किताबखाना, किताबखाना, किताबनामा, किताबमाला, किताब कोना, किताबी कोना, किताबी दुनिया, किताबें, किताबें, पुस्तक, पुस्तक चर्चा, पुस्तकमाला, पुस्तक समीक्षा, समीक्षा


Reblog this post [with Zemanta]

मस्का नहीं, मस्कारा कैसे लगायें और मस्का पायें

सिक्किम यात्रा की इस कड़ी में, गैंगटॉक में गणेशटोक, फूलों की प्रर्दशनी और नमग्याल तिब्बतोलोजी संस्थान की चर्चा है।

हम लोगों को दो दिन गैंगटॉक में रहना था और यह समय हमने यहीं की जगहों को घूमने में बिताया। पहले दिन हम लोगों ने गणेशटोक गये। यहां पर गणेशजी का मंदिर है और वहाँ से शहर का नजारा दिखाई पड़ता है। यहां से दृश्य साफ तरीके से नहीं दिखाई पड़ रहा था क्योंकि बादल छाये हुए थे और हल्का-हल्का पानी बरस रहा था। गणेशटोक के बगल में ही चिड़ियाघर है। पानी बरसने के कारण हम वहां न जाकर, फूलों की प्रर्दशनी देखने चले गये ।


यह फूलों स्थायी प्रर्दशनी है। क्योंकि बहुत से पेड़ जमीन पर लगे हुए है और कुछ गुलदस्ते भी जगह-जगह पर रखे हुए हैं। पानी बरस रहा था यह ऊपर से ढ़की है इसलिए इसके अन्दर बहुत से लोग थे। यहाँ जगह -जगह फोटो सेशन चल रहा था लोग तरह-तरह के पोज़ (Pose) देकर फोटो खिंचवा रहे थे। यहां पर मेरी मुलाकात मनोज से हुई जो कि अपनी महिला मित्र (या शायद उस की पत्नी हो) के साथ, सिल्लीगुड़ी से घूमने आये थे। इन लोगों के व्यवहार से लगता था कि शायद ये दोनों मित्र है और शादी शुदा नही है। मैने जब इनसे पोज़ देकर चित्र खीचने की बात की तो युवती शर्मा गई। मुझे उनसे यह पूछना ठीक नही लगा कि क्या वे शादी शुदा हैं।


सिक्किम में महिलायें एक खास तरह के कपड़े पहनती है । इसे बख्खू कहतें हैं । कई स्कूलों में यही ड्रेस है। मैंने दो लड़कियों से बात की । इनका नाम उषा और छानकी था। वे इंचे स्कूल की नवीं कक्षा में पढ़ती हैं। इसमें लड़के भी पढ़ते हैं उनके स्कूल की लड़कियो के लिये ड्रेस भूरे रंग की बख्खू है।


वहाँ से निकलकर हम लोग नमग्याल तिब्बतोलोजी संस्थान (Namgyal Institute of tibbtology) देखने चले गये। इस संस्था में तिब्बती सभ्यता एवं भाषा पर शोध होता है। यह तीन मंजिले भवन में है।
  • पहली मंजिल संग्रहालय पर संग्रहालय है;
  • दूसरी मंजिल पर पुस्तकालय है; और
  • तीसरी मंजिल पर चित्र प्रर्दशनी लगी हुई थी।


संगहालय में गौतम बुद्व और बौध धर्म से जुड़े लोगों की मूर्तियां लगी हैं। वहां प्रार्थना की पुस्तकें और कुछ अन्य वस्तुएं रखी हुई थीं जिसमें लिखा था कि यह तांत्रिक विद्या में प्रयोग की जाती हैं। मुझे नही मालूम था कि बौध धर्म में भी कुछ तांत्रिक विद्या का प्रयोग होता है मैंने वहाँ के गार्ड से पूछा,
'क्या बौध धर्म मे भी तांत्रिक विद्या होती है'?
उसने कहा मुझे नहीं मालूम पर उसने बगल में बैठी एक लड़की की तरफ इशारा कर उससे पूछने को कहा।


युवती ने अपना नाम पासंग बताया । उसने बताया,
'मैं वाणिज्य (commerce) में स्नातक हूं। मेरे पिता इसी सस्थान में शोधकर्ता थे और मैं इस समय संग्रहालय की इंचार्ज हूं।'
उसके मुताबिक वह सारा सामान सब बौद्ध धर्म की पूजा में प्रयोग किया जाता है।

पासंग गुलाबी रंग की बख्खू ड्रेस पहने हुई थी। उसकी पलकें भी हल्के गुलाबी रंग की थी। वह प्यारी सी गोल मटोल बिटिया लग रही थी। मैंने पूछा,
'पलको का गुलाबी रंगा प्राकृतिक है अथवा फैशन।'
उसने बताया कि यह फैशन है।


हम लोग दूसरी मंजिल पर पुस्तकालय देखने चले गये। जाते समय मेरे व मेरी पत्नी के बीच बात शर्त लगी। मेरे विचार से मस्कारा (mascara) लगाये हुई थी पर मेरी पत्नी के विचार से उसने आई लाइनर (eye-liner) लगाये हुई थी । मैंने लौटकर पासंग अपनी शर्तें के बारे में बताया। वह मुस्करा कर बोली,
'आप अपनी पत्नी से ज्यादा महिलाओं के फैशन के बारे में नहीं जानते हैं। आप यह शर्त हार गये है।'
मुझे नहीं मालुम था कि मस्कारा भौंहों में लगाया जाता है और आई लाइनर पलकों में। मेरा हारना लाजमी था।

यदि आप स्वयं मस्कारा लगाना चाहती हैं तो इसकी सही विधि नीचे देखें।

यदि आप किसी और के मस्कारा लगाना चाहते या चाहती हैं तो इसकी सही विधि नीचे देखें।

आई लाइनर कैसे लगाया जाय, इसके लिये यहां देखें


मेरे जीवन का सबसे बड़ा दर्द यही है कि मुन्ने की मां को फैशन बिलकुल पसन्द नहीं है। वह यह सब या लिपस्टिक या बिन्दी वगैरह नहीं लगाती न ही चूड़ी या फिर गहने पहनने पसन्द हैं। मैं नहीं समझता कि उसने शादी में मिले गहनों (जिसे ३० साल से भी अधिक समय हो गया है) एक बार भी पहना हो हां बेटे की शादी में वे सब बिटिया रानी के पास चले गये जो कि यहीं छोड़ कर अमेरिका चली गयी। इस बारे में, मुझे तो न वह न ही बिटिया रानी समझ में आती हैं। शायद इसी लिये हैदराबाद में सलारजंग संग्रहालय में निजाम के गहनों देखते समय हमारे साथ की महिला ने टिप्पणी की,
‘आप लोगों को देखकर लगता है कि कोई आप तो किसी प्रकार के गहने नहीं पहन सकते।‘


मैंने हैदराबाद घूमते समय तीन चिट्ठियां, पहली चिट्ठी: 'आप किस बात पर, सबसे ज्यादा झुंझलाते हैं', दूसरी चिट्ठी: 'निजाम के गहने और जैकब हीरा', और तीसरी चिट्ठी: 'गोलकुण्डा का किला और अंधेरी रात' नाम से लिखी हैं।

मैंने बख्खू पहने लड़कियों एवं पासंग का चित्र लिया था पर गलती से मिटर गया है। इसलिये उसे पोस्ट नहीं कर पा रहा हूं।

सिक्किम यात्रा
क्या आप इस शख्स को जानते हैं?।। सिक्किम - छोटा मगर सुन्दर।। गैंगटॉक कैसे पहुंचें।। टिस्ता नदी (सिक्किम) पर बांध बने अथवा नहीं।। नाथुला पास – भारत चीन सीमा।। क्या ईसा मसीह सिल्क रूट से भारत आये थे।। मंदाकिनी झरना - 'राम तेरी गंगा मैली' फिल्म वाला।। सात राजकुमारियां, जिन्होंने प्रकृति से शादी कर ली।। तारीफ करूं क्या उसकी जिसने तुझे बनाया।। फूलों के रंग से ... लिखी ... पाती।। मस्का नहीं, मस्कारा कैसे लगायें और मस्का पायें

हिन्दी में नवीनतम पॉडकास्ट Latest podcast in Hindi
(सुनने के लिये चिन्ह शीर्षक के बाद लगे चिन्ह ► पर चटका लगायें यह आपको इस फाइल के पेज पर ले जायगा। उसके बाद जहां Download और उसके बाद फाइल का नाम अंग्रेजी में लिखा है वहां चटका लगायें।: Click on the symbol ► after the heading. This will take you to the page where file is. Click where 'Download' and there after name of the file is written.)

यह ऑडियो फइलें ogg फॉरमैट में है। इस फॉरमैट की फाईलों को आप -
  • Windows पर कम से कम Audacity, MPlayer, VLC media player, एवं Winamp में;
  • Mac-OX पर कम से कम Audacity, Mplayer एवं VLC में; और
  • Linux पर सभी प्रोग्रामो में - सुन सकते हैं।
बताये गये चिन्ह पर चटका लगायें या फिर डाउनलोड कर ऊपर बताये प्रोग्राम में सुने या इन प्रोग्रामों मे से किसी एक को अपने कंप्यूटर में डिफॉल्ट में कर लें।


Sikkim Yatra kee is post per Gangtok mein Ganeshtok, Flower show aur Namgyal Institute of tibbtology kee charchaa hai. yeh hindi (devnagree) mein hai. ise aap roman ya kisee aur bhaarateey lipi me padh sakate hain. isake liye daahine taraf, oopar ke widget ko dekhen.

This post describes Ganeshtok, Flower show and Namgyal Institute of tibbtology in Gangtok It is in Hindi (Devnaagaree script). You can read it in Roman script or any other Indian regional script also – see the right hand widget for converting it in the other script.


सांकेतिक शब्द
Gangtok, Sikkim, गैंगटॉक, सिक्किम,
Travel, Travel, travel and places, Travel journal, Travel literature, travel, travelogue, सिक्किम, सैर सपाटा, सैर-सपाटा, यात्रा वृत्तांत, यात्रा-विवरण, यात्रा विवरण, यात्रा संस्मरण,







Reblog this post [with Zemanta]
Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...