त्रिवेन्द्रम के आट्टूकल भगवती मंदिर में पोंगाला चढ़ाया जाता है। इस चिट्ठी में उसी की चर्चा है।
हम लोग कुमाराकॉम से लगभग सवा ग्यारह बजे त्रिवेन्द्रम के लिए निकले थे। वहाँ से त्रिवेन्द्रम पहुंचने के लिए लगभग चार घण्टें लगते है। लेकिन उस दिन त्रिवेन्द्रम के आट्टूकल भगवती मन्दिर में, पोंगाला (चावल की खीर), वहीं बना कर चढ़ायी जाती है। यह कार्य केवल महिलाएं ही करती हैं। वहां महिलाओं का मेला था।
यह चित्र इस मंदिर की वेबसाइट से लिया गया है जहां से आप अंग्रेजी में इसके इतिहास के बारे में पढ़ सकते हैं।
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हम लोगों ने अगले दिन अखबार में पढ़ा कि लाखों महिलाओं ने इस त्योहार में आट्टूकल भगवती मंदिर में पोंगाला चढ़ाया। इन महिलाओं में २००८ मिस वर्ल्ड की रनर्स् अप पार्वती ओमनकुट्टन भी थीं।
मुझे एक बात अजीब लगी। मुझे ऐसा आभास हुआ कि उस दिन बहुत मात्रा में खीर बर्बाद हो जाती है। इसकी पुष्टि वहां पर लोगों ने की। यदि यह सच है तो जिस देश के करोड़ों लोगों को खीर खाना तो दूर, देखना न नसीब हो - वहां इस तरह के उत्सव या त्योहार का क्या कोई औचित्य है।
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यह चित्र सुब्रमनयम जी की इस चिट्ठी से है। वहीं पर इस इस त्योहार के बारे में हिन्दी में सूचना है। यह चित्र, उपर मेरी कही बात की तरफ भी इशारा करता है।
कुछ समय पहले, लोगों ने एक दिन यह कहना शुरू किया कि गणेश जी की मूर्ति दूध पी रही है। यह वास्तव में पृष्ट तनाव (surface tension) के कारण हो रहा था। कई लोग विज्ञान की बारीकी नहीं समझ पाते थे। उन्हें, मैं यह कह कर समझाता था कि जिस देश के करोड़ों बच्चों को एक बूंद दूध न मिले, वहां के भगवान इतना दूध क्यों और कैसे पी सकते हैं। कुछ ने समझा, पर बहुतों ने नहीं।
बहुत से उत्सवों और त्योहारों के दौरान, नदी या समुद्र में विसर्जन किया जाता है। मेरे विचार से उत्सवों और त्योहारों में इस तरह की परम्परा का कोई औचित्य नहीं है। यह प्रदूषण फैलाता है। हमें बदलना चाहिये।
त्रिवेन्दम में, हमें के.टी.डी.सी. के होटल समुद्र में ठहरना था। वहाँ वहां पर उदय समुद्र होटल भी है। मैंने अपने एक मित्र से बात की थी कि हम कहां रुके। उसका कहना था,
‘समुद्र, के.टी.डी.सी. का चार स्टार होटल है। यहां से समुद्र का दृश्य बहुत सुन्दर दिखायी पड़ता है। उदय समुद्र, तीन स्टार का होटल है। तुम्हे, समुद्र में ही रूकना चाहिए।‘प्रवीण का कहना था,
'यह सच है कि उदय समुद्र तीन स्टार होटल है। लेकिन, इस समय वह पाँच स्टार होटल की सुविधाऐं दे रहा है और हमें उदय समुद्र में ही रूकना चाहिए था क्योंकि वहाँ की सर्विस ज्यादा अच्छी है।‘समुद्र होटल पहुंचते ही हम लोगों को प्राइवेट और सरकारी होटल का अन्तर समझ में आ गया।
समुद्र तट सार्वजनिक होते हैं। अगली बार, त्रिवेन्दम के समुद्र तट के साथ, इसी विषय पर बात करेंगे।
कोचीन-कुमाराकॉम-त्रिवेन्दम यात्रा
क्या कहा, महिलायें वोट नहीं दे सकती थीं।। मैडम, दरवाजा जोर से नहीं बंद किया जाता।। हिन्दी चिट्ठकारों का तो खास ख्याल रखना होता है।। आप जितनी सुन्दर हैं उतनी ही सुन्दर आपके पैरों में लगी मेंहदी।। साइकलें, ठहरने वाले मेहमानो के लिये हैं।। पुरुष बच्चों को देखे - महिलाएं मौज मस्ती करें।। भारतीय महिलाएं, साड़ी पहनकर छोटे-छोटे कदम लेती हैं।। पति, बिल्लियों की देख-भाल कर रहे हैं।। कुमाराकॉम पक्षीशाला में।। क्या खांयेगे - बीफ बिरयानी, बीफ आमलेट या बीफ कटलेट।। आखिरकार, हमें प्राइवेट और सरकारी होटल में अन्तर समझ में आया।। हिन्दी में नवीनतम पॉडकास्ट Latest podcast in Hindi
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Click on the symbol ► after the heading. This will take you to the page where file is. his will take you to the page where file is. Click where ‘Download’ and there after name of the file is written.)
- सृजनवाद धार्मिक मत है, विज्ञान नहीं है: ►
- विकासवाद को पढ़ाने से मना करने वाले कानून - गैरकानूनी हैं: ►
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सांकेतिक शब्द
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