आज चर्चा का विषय है: बैंडविड्थ की चोरी कब गैरकानूनी है। इसे और इसकी पिछली कड़ी 'बैंडविड्थ की चोरी - क्या गैरकानूनी है', को आप सुन भी सकते है। सुनने के लिये यहां चटका लगायें। यह ऑडियो फाइल ogg फॉरमैट में है। इस फॉरमैट की फाईलों को आप,
- Windows पर कम से कम Audacity, MPlayer, VLC media player, एवं Winamp में;
- Mac-OX पर कम से कम Audacity, Mplayer एवं VLC में; और
- Linux पर सभी प्रोग्रामो में,
सुन सकते हैं। ऑडियो फाइल पर चटका लगायें फिर या तो डाउनलोड कर ऊपर बताये प्रोग्राम में सुने या इन प्रोग्रामों मे से किसी एक को अपने कंप्यूटर में डिफॉल्ट में कर ले। इसके पहली कड़ी 'चित्र जोड़ना - यह ठीक नहीं' सुनने के लिये यहां चटका लगायें।
बैंडविड्थ की चोरी गैर-कानूनी है अथवा नहीं - इसको समझने से पहले कॉपीराइट को भी समझना पड़ेगा।
कॉपीराइट किसी मूल अभिव्यक्ति पर, किसी वर्णन पर होता है। यदि उसे प्रकाशित किया गया है तो वह उस व्यक्ति का कॉपीराइट है। इसके लिये उस पर © चिन्ह बना होना या कॉपीराइट की नोटिस लिखी होना, जरूरी नहीं है। कॉपीराइट को आप चाहें तो रजिस्टर करवायें अथवा नहीं पर यह जरूरी नहीं है। यदि आपने रजिस्टर नहीं करवाया है तो भी वह आपका कॉपीराइट रहेगा। यह कॉपीराइट अधिनियम कहता है।
यदि कोई देश वर्ल्ड ट्रेड ऑरगनाइज़ेशन का सदस्य है तो उसे ट्रिप्स के अन्दर कॉपीराइट अधिनियम बनाना पड़ेगा। इसके बारे में मैंने कुछ विस्तार से चर्चा पेटेंट चिट्ठी पर की है। यदि आप किसी और की कॉपीराइटेड सामग्री - चित्र, लेख, वीडियो, गीत - अपनी वेबसाइट पर बिना अनुमति के डालते हैं तो वह कॉपीराइट अधिनियम के अन्दर गैर-कानूनी है। इसके लिये आप न केवल हर्जाना देना पड़ सकता है पर आपको जेल भी हो सकती है।
आप अपनी कॉपीराइटेड सामग्री को अलग अलग तरह से लोगों को प्रयोग करने दे सकते हैं। आप बिलकुल मना कर सकते हैं, आप कुछ शर्तों के साथ उसे प्रयोग करने के लिये दे सकते हैं। कॉपीराइटेड सामग्री किस प्रकार से प्रयोग की जायगी - यह इस पर निर्भर करता है कि वह सामग्री किन शर्तों के अन्दर प्रकाशित की गयी है। यदि आप क्रिएटिव कॉमनस् का लाईसेंस देखें तो यह कई प्रकार के हैं। मैंने इस बारे में कुछ चर्चा विकिपीडिया की रिहाई चिट्ठी पर की है। अब चलते हैं बैंडविड्थ की चोरी पर।
यदि यह शर्त चित्र प्रकाशित करने का भाग है तो यह कॉपीराइट की शर्त होगी और इसका उल्लघंन गैर कानूनी।
कुछ दिन पहले शास्त्री जी ने कुछ जालस्थानों के बारे में यहां और यहां बताया था जो आपको मुफ्त में चित्र उपलब्ध कराते हैं। यदि आप इन पर चित्रों को प्रकाशित करने की शर्तो को देखें तो पायेंगे कि यह अलग अलग हैं। पर कईयो में शर्त है कि आपको चित्र, अपने सर्वर में डाउनलोड करना है। आप चित्रों को डायरेक्ट लिंक नहीं कर सकते हैं। उदाहरर्ण के तौर इनमें से एक वेबसाइट की शर्तें देखिये जिसमें यह बात स्पष्ट रूप से लिखी है।
चित्र में लिखी शर्तों को पढ़ने के लिये उस पर चटका लगायें
यह शर्त, इनके चित्रों को प्रकाशित करने की है और इनके कॉपीराइट का अंग है। यदि आप इसका उल्लंघन करते हैं तो यह ने केवल संविदा का, पर कॉपीराइट का भी उल्लंघन होगा। यह गैर-कानूनी है। यदि किसी वेबसाइट में इस तरह की शर्त है तो यह काम कदापि न करें।
'उन्मुक्त जी, यदि ऐसी नोटिस न हो तब क्या होगा? तब क्या यह गैर-कानूनी नहीं है?'
यह तो कोई कानूनी विशेषज्ञ ही बता सकता है। अब तो कई वकील चिट्ठा लिखने लग गये हैं। शायद वे इस पर अपने विचार रखना चाहें। जहां तक मैं समझता हूं इस पर स्थिति स्पष्ट नहीं है और न ही आने वाले समय में स्पष्ट हो पायेगी। इसके कई कारण हैं:
- फ्रेमिंग करना, चित्र जोड़ना, पॉडकास्ट, या विडियोकास्ट जोड़ने की सुविधा देना - यह सब तकनीक के प्रयोग से बहुत आसानी से बन्द किया जा सकता है। जो वेबसाइट इस तरह की सुविधा नहीं देना चाहते हैं वह तकनीक का प्रयोग कर लेते हैं। मुकदमा करके, पैसा और समय बेकार नहीं करते हैं;
- बड़े वेबसाइट के लिये, कॉपीराइट या ट्रेडमार्क का उल्लंघन परेशानी की बात होती है। बैंडविड्थ की कमी की कोई परेशानी नहीं होती है। वे इसी पर चलते हैं कि उनका महत्व बढ़े। चित्र जोड़ने से उनकी वेबसाइट का महत्व बढ़ता है। इसीलिये कई इसे स्पष्ट रूप से प्रोत्साहित करते हैं;
- यह परेशानी केवल छोटे वेबसाइट के लिये होती है। जिसे ज्यादा परेशानी होती है वह यह बात को अपनी वेबसाइट पर स्पष्ट रूप से लिख देते हैं कि चित्र जोड़ने की सुविधा नहीं है या बाद में स्पष्ट कर देते हैं। उसके बाद भी यह काम करना तो अवश्य ही गैरकानूनी हो जाता है।
'उन्मुक्त जी, यदि किसी वेबसाइट पर इस बारे कोई सूचना न तब क्या चित्र जोड़ना चाहिये।'मेरे विचार से चित्र को जब तक न जोड़ें जब तक वह वेबसाइट आपको यह करने के लिये प्रेत्साहित न कर रही हो। क्योंकि,
- यह गैर-कानूनी न भी हो, फिर भी, नेट शिष्टाचार के खिलाफ है;
- इस कार्य को, बहुत से लोग शौकिया तौर पर कर रहें हैं। क्यों उन पर जबरदस्ती का भार डाला जाय;
- इसका एक घाटा यह भी है कि आपने जिस चित्र को जोड़ा है यदि उसके वेबसाइट ने उसे बदल दिया, तो वह बदला वाला चित्र आपकी चिट्ठी में दिखायी पड़ने लगेगा। बदला वाला चित्र हो सकता है कि आपकी चिट्ठी का मतलब ही बदल दे या खतरनाक साबित हो;
- खुदा न खास्ता, यदि मुकदमा चल ही गया और ऊंठ दूसरी करवट ले बैठा तो लेने के देने पड़ जायेंगे।
हां इसका भी ख्याल रखिये, यदि आप अपनी वेबसाइट पर चित्र या अन्य कोई फाइल कॉपी करने की अनुमति देते हैं पर चित्र लिंक करने की नहीं देना चाहते हैं तो यह बात स्पष्ट रूप से लिखें। ताकि कोई यह कार्य न कर सके और यदि करे तो वह गैरकानूनी हो जाय। अगली बार चलेंगे डोमेन नाम विवाद के बारे में।
अंतरजाल की मायानगरी में
टिम बरनर्स् ली।। इंटरनेट क्या होता है।। वेब क्या होता है।। लिकिंग, क्या यह गलत है।। चित्र जोड़ना - यह ठीक नहीं।। फ्रेमिंग भी ठीक नहीं।। बैंडविड्थ की चोरी - क्या यह गैर कानूनी है।। बैंडविड्थ की चोरी - कब गैरकानूनी है।। डोमेन नाम विवाद।।इस पोस्ट पर चर्चा है कि बैंडविड्थ की चोरी कब गैर कानूनी है। यह हिन्दी (देवनागरी लिपि) में है। इसे आप रोमन या किसी और भारतीय लिपि में पढ़ सकते हैं। इसके लिये दाहिने तरफ ऊपर के विज़िट को देखें। is post pr charcha hai ki bandwidth kee choree kab gaer kanoonee hai. yah hindee {devanaagaree script (lipi)} me hai. ise aap roman ya kisee aur bhaarateey lipi me padh sakate hain. isake liye daahine taraf, oopar ke widget ko dekhen. This post dicusses the issue as to when bandwidth theft is illegal? It is in Hindi (Devnaagaree script). You can read it in Roman script or any other Indian regional script also – see the right hand widget for converting it in the other script. |
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