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पुरुष, युवती को तन्मयता से ज्योतिष के बारे में समझा रहा था। वह बता रहा था कि ज्योतिष में किस घर में क्या हो, तो क्या होता है। कुछ देर बाद उसने अपना मोबाईल फोन निकाल लिया। वह कोई महत्वपूर्ण व्यक्ति था क्यों कि हवाई जहाज पर मोबाइल चलाना मना है। वे दोनो उस पर ज्योतिष से संबन्धी खबरें/ सूचना देख रहे थे।
ज्योतिष का कोई आधार नहीं है। आप किस समय पैदा हुऐ हैं, या उस समय ग्रहों की क्या स्थिति है - उस कारण आपका भविष्य नहीं तय हो सकता है। यदि आपको १९८० के दशक में दूरदर्शन की याद हो तो आप हर रविवार को आने वाले टीवी सीरियल Cosmos को नहीं भूले होंगे। यह कार्ल सेगन ने ही बनाया थी। इसके बाद इसी नाम से यह पुस्तक के रूप में भी प्रकाशित हुई। निःसन्देह बीसवीं शताब्दी में विज्ञान को लोकप्रिय बनाने में कार्ल सेगन (Carl Sagan) एक थे - आप अन्य ऐसे लोगों में आइज़ेक एसीमोव (Issac Asimov), आर्थर सी क्लार्क (Arthur C. Clark), मार्टिन गार्डनर (Martin Gardner) को रख सकते हैं। ज्योतिष के बारे में मेरे विचार कुछ कार्ल सेगन जैसे हैं। वे कहते हैं,
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ज्योतिष पर विश्वास करना, उसके बारे में बात करना हमारे रगो में इतना घुल मिल गया है। यदि आप देखें कि हिन्दी में कौन से शब्दों पर सबसे ज्यादा खोज हो रही है तो आप पायेंगे कि वे ज्योतिष (Astrology), हस्तविद्या (Palmistry), अंक विद्या (Numerology) से संबन्धित शब्द हैं या सेक्स से संबन्धित। शायद सबसे ज्यादा देखी गयी चिट्ठियां, इन्ही शब्दों का प्रयोग कर देखी गयी हैं।
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'ज्योतिष, अंक विद्या, हस्तरेखा विद्या, और टोने-टुटके' चिट्ठी पढ़ने के बाद कुछ पाठक अपना भविष्य जानने के लिये मुझसे सवाल पूछते हैं, कुछ मुझसे ज्योतिष सीखना चाहते हैं तो कुछ यह भी कहते हैं,
'आप जैसे ही [उन्मुक्त की तरह] लोगों की वजह से क्या हमारा विज्ञान पीछे नहीं हो गया है।'मेरे विचार में
'शुरू के ज्योतिषाचार्य एक उत्तम खगोलशात्री थे, वैज्ञानिक थे। वे तब तक वैज्ञानिक थे जब तक वे तारों की गति, स्थिति के बारे में ज्ञानार्जन करते थे। इससे, हमारे जीवन में कोई असर नहीं होता - यह अन्धविश्वास है, इसमें कोई सत्यता नहीं है। हां, जब कोई आपके बारे में बात करता है, या आपके कष्ट निवारण की बात करता है तो आपको अच्छा लगता है।
हमारा विज्ञान किसकी वजह से पीछे हुआ है यह समझने की बात है, बहस की जरूरत तो नहीं होनी चाहिये। मेरे जैसे विचार रखने वाले बहुत कम लोग हैं ज्यादातर लोग तो ज्योतिष को सच मानते हैं। यदि सच न भी माने तो भी अधिकतर लोग उसके अनुसार कार्य करते हैं।'
यह सब न केवल मुझे निराश करता है पर दुखी भी करता है। हां, मेरे उन्मुक्त चिट्ठे पर रोज लगभग ४ या ५ लोग बूरबाकी शब्द पर सर्च कर 'शून्य, जीरो और बूरबाकी' की चिट्ठी पढ़ने आते हैं यह न केवल मुझे हैरत में डालता है पर आशा कि किरण भी दिखायी देती की लोग हिन्दी में भी बूरबाकी के बारे में जानना चाहते हैं।
'उन्मुक्त जी, शीर्षक देख कर लगता तो लगता है कि आप अपने विचार बदल रहे हैं।'
मैं आजकल एक पुस्तक Jean-Claude Carrière की लिखी पुस्तक 'Please Mr. Einstein' पढ़ रहा हूं। इसमें भविष्य से एक युवती आ कर आईंस्टाइन का साक्षात्कार लेती है। यह एक काल्पनिक कहानी है पर किस्से और आईंस्टाइन जो बातें उसे बताते हैं, वे सच हैं। वे सब आईंस्टाइन से कहीं न कहीं जुड़ी हैं।
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'I always say that they're right and thank them for their help. I tell them, thanks to them, I am going to revise my ideas on such and such subject. They usually leave me in peace after two or three exchanges. If I enter into the lease debate they'd reply, and our corresondence would never end.'
आप सही हैं ... मैं बदलाव कर रहा हूं ...
मुझे भी, बड़े व्यक्तियों से सीखना चाहिये।
इस चिट्ठी के पहले दो चित्र विकिपीडिया से हैं और उसी की शर्तों में हैं।
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(सुनने के लिये चिन्ह शीर्षक के बाद लगे चिन्ह ► पर चटका लगायें यह आपको इस फाइल के पेज पर ले जायगा। उसके बाद जहां Download और उसके बाद फाइल का नाम अंग्रेजी में लिखा है वहां चटका लगायें।: Click on the symbol ► after the heading. This will take you to the page where file is. Click where 'Download' and there after name of the file is written.)
- वह तारा ►
- जब रात हुई ►
- Windows पर कम से कम Audacity, MPlayer, VLC media player, एवं Winamp में;
- Mac-OX पर कम से कम Audacity, Mplayer एवं VLC में; और
- Linux पर सभी प्रोग्रामो में - सुन सकते हैं।
बताये गये चिन्ह पर चटका लगायें या फिर डाउनलोड कर ऊपर बताये प्रोग्राम में सुने या इन प्रोग्रामों मे से किसी एक को अपने कंप्यूटर में डिफॉल्ट में कर लें।
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