इस चिट्ठी में गैंगटॉक और नाथुला पास के रास्ते में घूमने की जगहों के बारे में चर्चा है।
हम लोग, नथुला पास से लौटते समय, बाबा हर भजन सिंह मंदिर भी गये। यह वास्तव में समाधि है। बाबा हर भजन सिंह पंजाब रेजीमेंट में थे। ४ अक्टूबर १९६८ को जब वे एक खच्चर (mule) को लेकर आ रहे थे तो उनका पैर फिसल गया जिसके कारण वह एक झरने में गिर पड़े और उनकी मृत्यु हो गई। ऎसा कहा जाता है कि कुछ दिनों बाद वह अपने एक सहयोगी के सपने में आये और कहा कि उनके नाम से एक समाधि बना दी जाए। यहां उन्हीं की समाधि बनी है।
यहां आने पर मुझे बताया गया कि यदि आप २ दिन यानी रविवार और मंगलवार को मांस न खाये तो पवित्र पानी पी सकते हैं पर प्रसाद लेने मे या टीका लगवाने में कोई भी इस तरह की बाधा नहीं थी । मैं सिक्किम का खाना, खाना चाहता था जिसमें मांस भी शामिल था। इसीलिए मैने पानी नहीं लिया पर माथे पर तिलक लगवाया और प्रसाद लिया।
लौटते समय हम लोग टोम्गो (Tsomgo) झील पर भी रूके। टोम्गो सिक्किमी भाषा का शब्द है और नेपाली में इसे छंगू झील कहा जाता है। ज्यादातर लोग इसको छंगू झील ही कहते है। यह ३७८० मीटर (१२,४०० फीट) की ऊंचाई पर है और गैंगटॉक से ३५ किलोमीटर की दूरी पर है। इस झील की परधि लगभग एक किलोमीटर है।
इस झील के पास बहुत सारे याक (Yak) थे । कई लोग उस पर चढ़कर सवारी कर रहे थे। वहां पर लोगों ने बताया की याक का दूध होता है और इस दूध की पनीर बनती है। जब मैने उसके दूध को पीने की या उससे बनी पनीर खाने की इच्छा की तो वह मुझे नहीं मिल पाया।
यहां पर हम लोगों ने दिन का भोजन लिया। भोजन में इस्क्यूस (iskuss) की रसेदार सब्जी और चावल था। उन्होनें बताया कि यह सब्जी कुछ लौकी और कोहड़ा जैसे होती है। भूख बहुत जोरों से लगी थी। सब कुछ स्वादिष्ट लगा।
लौटते समय हमें कई झरने मिले पर हम लोग एक खास झरने पर रूके। हमारे टैक्सी ड्राइवर ने इसका नाम मंदाकिनी झरना बताया। वहां मंदाकिनी 'राम तेरी गंगा मैली' फिल्म की हिरोइन है। उस फिल्म में वह इस झरने में नहाती है। इसलिए यह मंदाकिनी झरने के नाम से प्रसिद्व है। यहां पर एक बोर्ड लगा था। जिस पर इसका नाम Kyongnosla falls लिखा था। टैक्सी ड्राइवर के मुताबिक यह बोर्ड दो साल पहले पर्यटन विभाग ने लगाया है।
मैंने 'राम तेरी गंगा मैली' फिल्म नहीं देखी है। मैं नहीं जानता कि यह सही अथवा नहीं। हो सकता है कि वहां के टैक्सी ड्राईवर पर्यटक को आकर्षित करने के लिये यह बात कहते हों। पर यदि यह सही है तो इसे मंदाकिनी झरने के नाम से पुकारा जाए और कुछ 'राम तेरी गंगा मैली' फिल्म के साथ जोड़ा जाए तो कुछ ज्यादा लोग आकर्षित होंगे।
अगली बार हम लोग बात करेंगे तारीफ करूं क्या उसकी जिसने तुझे बनाया - यानि कि चलेंगे युनथांग घाटी।
सिक्किम यात्रा
क्या आप इस शख्स को जानते हैं?।। सिक्किम - छोटा मगर सुन्दर।। गैंगटॉक कैसे पहुंचें।। टिस्ता नदी (सिक्किम) पर बांध बने अथवा नहीं।। नाथुला पास – भारत चीन सीमा।। क्या ईसा मसीह सिल्क रूट से भारत आये थे।। मंदाकिनी झरना - 'राम तेरी गंगा मैली' फिल्म वाला।।हिन्दी में नवीनतम पॉडकास्ट Latest podcast in Hindi
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- वह तारा ►
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is post per natu la pass aur gangtok ke raste mein ghoomnae ki jghon ke bare mein charchaa hai. yeh hindi (devnagree) mein hai. ise aap roman ya kisee aur bhaarateey lipi me padh sakate hain. isake liye daahine taraf, oopar ke widget ko dekhen. This post talks about other spots to visit on the way from Gangtok to Natu la pass. It is in Hindi (Devnaagaree script). You can read it in Roman script or any other Indian regional script also – see the right hand widget for converting it in the other script. |
सांकेतिक शब्द
Gangtok, Sikkim, गैंगटॉक, सिक्किम, Travel, Travel, travel and places, Travel journal, Travel literature, travelogue, सिक्किम, सैर सपाटा, सैर-सपाटा, यात्रा वृत्तांत, यात्रा-विवरण, यात्रा विवरण, यात्रा संस्मरण,
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