२.२ पेटेंट और कंप्यूटर प्रोग्राम: अमेरिका में

भाग-१: पेटेंट
पहली पोस्ट: भूमिका
दूसरी पोस्ट: ट्रिप्स (TRIPS)
तीसरी पोस्ट: इतिहास की दृष्टि में
चौथी पोस्ट: पेटेंट प्राप्त करने की प्रक्रिया का सरलीकरण
पांचवीं पोस्ट: आविष्कार
छटी पोस्ट: पेटेंटी के अधिकार एवं दायित्व

भाग-२: पेटेंट और कंप्यूटर प्रोग्राम
पहली पोस्ट: भूमिका
यह पोस्ट: पेटेंट और कंप्यूटर प्रोग्राम: अमेरिका में
अगली पोस्ट: पेटेंट और कंप्यूटर प्रोग्राम: अमेरिका में औद्योगिक प्रक्रिया के साथ

यदि आप, इस चिट्ठी को पढ़ने के बजाय, सुनना पसन्द करें तो इसे मेरी 'बकबक' पर यहां क्लिक करके सुन सकते हैं। यह ऑडियो क्लिप, ogg फॉरमैट में है। इस फॉरमैट की फाईलों को आप,
  • Windows पर कम से कम Audacity एवं Winamp में;
  • Linux पर लगभग सभी प्रोग्रामो में; और
  • Mac-OX पर कम से कम Audacity में,
सुन सकते हैं। मैने इसे ogg फॉरमैट क्यों रखा है यह जानने के लिये आप मेरी शून्य, जीरो, और बूरबाकी की चिट्ठी पर पढ़ सकते हैं। अब चलते हैं इस चिट्ठी पर।

पेटें‍ट आविष्कार के लिये दिये जा सकते हैं। भारतीय पेटेंट अधिनियम की धारा 3 बताती है कि क्या आविष्कार नहीं है और जो आविष्कार नहीं है उसका पेटें‍ट नहीं कराया जा सकता है। अमेरिका के पेटेंट कानून में ऐसी कोई सीमा नहीं है। अमेरिकी उच्चतम न्यायालय ने चक्रवर्ती केस (Diamond Vs. Chakravarty 447,45303:65 LED 2d 144) में पेटेंट कानून की व्याख्या की है। न्यायालय ने कहा कि अमेरिकी काग्रेंस, उन सब का पेटें‍ट करने का आशय रखती है जो कि मनुष्य द्वारा निर्मित की जाती हैं पर यह भी स्पष्ट किया कि,
  1. इसका यह अर्थ नहीं है कि पेटें‍ट कानून की कोई सीमाएं नहीं हैं और प्रत्येक खोजों को पेटें‍ट कराया जा सकता है;
  2. प्रकति के नियम, भौतिक घटनाए, तथा विचारों को पेटेंट नहीं कराया जा सकता है;
  3. भूमि में खोजा गया नवीन खनिज या जंगल में पाया गया नवीन पौधा को पेटेंट नहीं कराया जा सकता है।
  4. न तो आइं‍स्टाइन अपने प्रसिद्ध नियम ई=एमxसी२ को पेटें‍ट नहीं कर सकते थे और न ही न्यूटन गुरूत्वकर्षन के नियम को पेटें‍ट करा सकते थे।
  5. ऐसी खोजें, प्रकृति की अभिव्यक्तियां हैं, ये सभी व्यक्तियों के लिए स्वतंत्र हैं तथा किसी के भी लिए अनन्य रूप से आरक्षित नहीं हैं।

पार्कर केस (Parker vs Flook) 437, US. 504 : 57 L.Ed 2d 451) में अमेरिकी उच्चतम न्यायालय ने कहा कि गणितीय सूत्र का पेटेंट नहीं कराया जा सकता है।

अमेरिकी पेटेंट अधिनियम न तो कंप्यूटर प्रोग्राम और न ही व्यापार करने के तरीकों के बारे में अलग से जिक्र करता है। गॉटसचाल्क केस (Gottschalk vs Benson 40 US 63= 34 L.Ed 2d 273) में, अमेरिका के उच्चतम न्यायालय ने यह तय किया कि डेसीमल नम्बरो को शुद्ध बाइनरी नम्बरों में बदलने वाले कं‍प्यूटर प्रोग्राम को पेटेंट नहीं किया जा सकता है। यह इसलिये क्योंकि इसे मंजूर करने का परिणाम एक विचार के लिए अनुचित रूप से पेटेंट जारी करना होगा।

संक्षेप में अमेरिका में, न तो एलगोरथिम (Algorithm) को पेटेंट कराया जा सकता है, न ही कं‍प्यूटर प्रोग्राम यदि वह अकेले में हो। लेकिन यदि कं‍प्यूटर प्रोग्राम, औद्योगिक प्रक्रिया या व्यापार तरीके का एक हिस्सा हो तो क्या यही स्थिति रहेगी? इसके बारे में अगली कड़ियों मे चर्चा करेंगे।


मेरा प्रयत्न रहेगा कि इस सिरीस की चिट्ठियां और इनकी ऑडियो क्लिपें, भारतीय समय के अनुसार हर बृहस्पतिवार की रात्रि को पोस्ट होंं। तो फिर मिलेंगे अगले बृहस्पतिवार १४ अगस्त को।

अन्य चिट्ठों पर क्या नया है इसे आप दाहिने तरफ साईड बार में, या नीचे देख सकते हैं।

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