बैंडविड्थ की चोरी - क्या यह गैर कानूनी है

आज चर्चा का विषय है: बैंडविड्थ की चोरी - क्या यह गैर कानूनी है। इसे और इसकी अगली कड़ी 'बैंडविड्थ की चोरी - कब गैर-कानूनी है', को आप सुन भी सकते है। सुनने के लिये यहां चटका लगायें। यह ऑडियो फाइल ogg फॉरमैट में है। इस फॉरमैट की फाईलों को आप,
  • Windows पर कम से कम Audacity एवं Winamp में;
  • Linux पर सभी प्रोग्रामो में; और
  • Mac-OX पर कम से कम Audacity में, सुन सकते हैं।
ऑडियो फाइल पर चटका लगायें फिर या तो डाउनलोड कर ऊपर बताये प्रोग्राम में सुने या इन प्रोग्रामों मे से किसी एक को अपने कंप्यूटर में डिफॉल्ट में कर ले। इसकी पिछली कड़ी 'चित्र जोड़ना - यह ठीक नहीं' सुनने के लिये यहां चटका लगायें।

इस श्रंखला के अन्दर चिट्ठी 'चित्र जोड़ना - यह ठीक नहीं' और 'फ्रेमिंग भी ठीक नहीं' पर शास्त्री जी ने टिप्पणी की,
'यह दूसरे के बैंडविड्थ की चोरी है।'
किसी दूसरी वेबसाइट के चित्र को अपने वेबसाइट पर जोड़ने; या फिर कहीं और पर होस्ट की गयी ऑडियो या वीडियो फाइल को अपने वेबसाइट पर जोड़ने को - डायरेक्ट लिंक (direct link), या फिर रिमोट लिंक (remote link), या फिर हॉटलिंक (hot link) भी कहा जाता है। जब आप डायरेक्ट लिंक करते हैं; या फिर दूसरी वेबसाइट को फ्रेम करते हैं - तब दूसरे वेबसाइट की कुछ बैंडविड्थ, आपकी वेबसाइट पर डायरेक्ट लिंक या फ्रेम्ड वेबसाइट को दिखाने में खर्च होने लगती है। अथार्त दूसरी वेबसाइट की बैंडविड्थ का प्रयोग, आपके वेबसाइट के लिये होने लगता है। यह एक तरह से दूसरे की बैंडविड्थ की चोरी हुई क्योंकि दूसरी वेबसाइट ने बैंडविड्थ अपने लिये लिये है न कि आपके प्रयोग के लिये।

बैंडविड्थ क्या होती है; यह चोरी कैसे हो जाती है; इसकी कमी कैसे हो जाती है - इसके बारे में यदि, आप विस्तार से, पढ़ना चाहें तो शास्त्री जी की चिट्ठियां यहां, यहां, यहां, और यहां पढ़ सकते हैं जहां पर इस विषय को बहुत अच्छे तरीके से बताया गया है। इसे अंग्रेजी में पढ़ने के लिये यहां और यहां चटका लगायें।

क्या यह गैरकानूनी है?
'हुं: उन्मुक्त जी, मजाक छोड़िये - चोरी तो चोरी है गैर-कानूनी नहीं तो और क्या है?'
हूं न् न् न् ... फिल्मों में, कहानियों में तो नायिकायें नायक का दिल चोरी कर लेती हैं तो क्या वह गैर कानूनी है :-)

क्या यह सब लोग गैर कानूनी कार्य कर रहे हैं?


डायरेक्ट लिंकिंग बहुत जगह हो रही है। बहुत से लोग यह करने के लिये लोगों को प्रोत्साहित कर रहें है। इसमें दूसरी वेबसाइट का फायदा भी है - कुछ निम्न उदाहरण देखिये:
  • आप जहां भी चिट्टा बनाये चाहे वह वर्ड प्रेस पर हो या ब्लॉगर वह चित्र, विडियो, ऑडियो फाइल जोड़ने की सुविधा देता है। वे कॉपीराटेड सामग्री डालने को स्पष्ट रूप से मना करते हैं; अशलील सामग्री को भी मना करते हैं - फिर यदि डायरेक्ट लिंक करना गैर-कानूनी है तब इसे करने की सुविधा क्यों प्रदान कर रहे हैं। यदि यह गैर-कानूनी है तो वे भी इसमें शामिल हैं;
  • जिन वेबसाइट में चित्र, ऑडियो और विडियो फाइलों को अपलोड करने की सुविधा है वे स्वयं आपको एच.टी.एम.एल. कोड बना कर देते हैं कि आप उसे अपने चिट्ठे पर लगा सकें। वे खुद ही आपको अपनी वेबसाइट चोरी करने को कह रहे हैं। क्या वे बाद में कह सकते हैं कि आपने गैर-कानूनी कार्य किया है;
  • लगभग सारी वेबसाइट, अपने लोगो की विज़िट बना कर आपको चिट्ठे पर डालने की सुविधा देते हैं। क्या वे बाद में कह सकते हैं कि यह उनके बैंडविड्थ की चोरी है और गैरकानूनी है;
  • आप किसी तरह की लिंक दें। उससे उस वेबसाइट या चित्र का महत्व बढ़ता है - सर्च इंजिन में वह उपर आता है। यदी आप चित्र जोड़ते है तो उसका भी महत्व बढ़ता है। फिर भी बाद में क्या वह वेबसाइट - बिना नोटिस के - कह सकता है कि यह गैर-कानूनी है;
  • वेब तकनीक का अर्थ है जुड़ना। यदि कॉपीराइट या फिर ट्रेडमार्क का लफड़ा न हो तो क्या यह मूलभूत बात नकारी जा सकती है। यदि आपको जुड़ना पसन्द नहीं है तो वेब पर क्यों कार्य कर रहे हैं - कोई और माध्यम ढ़ूढ़िये;
  • मैंने पेजफ्लेक और टंबलर पर एवं उन्मुक्त – हिन्दी चिट्ठों और पॉडकास्ट में नयी प्रविष्टियां एवं चिट्ठे और पॉडकास्ट नामक पेज बनाया है। इस समय पेज-फ्लेक पर सारे हिन्दी चिट्ठियों और पॉडकास्ट और टंबलर केवल मेरे, मुन्ने की मां के चिट्ठों और मेरे पॉडकास्ट की प्रविष्टियां आती हैं। इसमें इस तरह का प्राविधान है कि चिट्ठियों को पोस्ट करते समय उसकी चिट्ठियों के पहले चित्र को भी पोस्ट करे। मैंने अपनी और मुन्ने की मां की चिट्ठियों के लिये यही प्राविधान लिया है क्योंकि इसमें कॉपीराइट और ट्रेडमार्क का लफड़ा नहीं है। यह दोनो पेज सार्वजनिक हैं और आप देख सकते हैं। यह मेरे बलॉगर और वर्डप्रेस के चिट्ठों के चित्रों को डायरेक्ट लिंक कर रहा है। चित्र डालने का कार्य मैं नहीं करता हूं पर यह कार्य, यह सुविधा वेबसाइट स्वयं कर रही है या फिर कहूं दे रही हैं। यदि यह गैर-कानूनी है तो यह वेबसाइट क्यों गैर-कानूनी सुविधायें प्रदान कर रही है;
  • यदि आपने गूगल में शेएर्ड् फोल्डर को सार्वजनिक कर रखा है तो जिन चिट्ठों के आप ग्राहक बने हैं उनको दिखाता है और चित्रों को जोड़ता है। बगल का चित्र बैंगलोर से चिट्टाकार बन्धु के शेएर्ड फोल्डर का है जो मेरे वर्डप्रेस के चिट्ठे को दिखा रहा है और उसके चित्र को डायरेक्ट लिंक कर रहा है। यानि कि गूगल वर्ड प्रेस की बैडविड्थ का प्रयोग कर रहा है। क्या गूगल गलत काम कर रहा है?
क्या वकीलों ने इन लोगों को उचित सलाह नहीं दी? यदि यह गैरकानूनी है तो यह सब क्यों कर रहे हैं? क्या वकीलों की कमी हो गयी है - इस पर मुकदमें क्यों नहीं दाखिल हो रहे हैं?
'उन्मुक्त जी. क्या आप कहना चाहते हैं कि यह चोरी, गैर-कानूनी नहीं है?'

वकीलों को क्या हो गया है? मुकदमें क्यों नहीं दाखिल कर रहे हैं?

मैं तो कोई कानूनी विशेषज्ञ नहीं हूं पर इतना अवश्य जानता हूं कि यदि यह सब गैर-कानूनी होता तब तो अभी तक सैकड़ों मुकदमे दाखिल हो गये होते। अमरीका में तो जरूर – वहां पर हर्जाना मिलने वाले मुकदमों में वकील लोग शुरू में मेनहताना न लेकर, मुकदमे के अन्त पर मिले हर्जाने के प्रतिश्त पर काम करते हैं। वहां भी मुकदमें दायर नहीं हो रहें हैं या फिर दायर हो रहे हों पर कोई बहुत चर्चा में नहीं हैं - कुछ तो बात होगी ही।

खैर कुछ और बात हो या न हो पर कुछ परिस्थितियों में तो यह अवश्य गैर-कानूनी है - यह अगली बार।

यह चिट्ठी और अगली चिट्ठी इस श्रंखला का भाग नहीं थी। मैं शास्त्री जी को धन्यवाद देना चाहूंगा कि मैं यह चिट्ठियां उनके द्वारा बहस को साकारत्मक रूप से आगे बढ़ाने के कारण ही लिख पा रहा हूं।

मेरे चिट्ठे पर बोल्ड में कुछ पंक्तियां देख रहे हैं उसका जुगाड़ सागर जी ने अपने चिट्ठे पर बताया था। वह मेरे ब्लॉर चिट्ठे पर काम नहीं किया। रवी जी की सहायता से ही यह हो पाया - उनको भी धन्यवाद। रवी जी के अनुसार सागर जी का कोड, वर्ड-प्रेस पर ही काम करता है ब्लॉर पर नहीं। इस बारे में रवी जी हम सब को विस्तार से बतायें तो अच्छा हो।

अंतरजाल की मायानगरी में
टिम बरनर्स् ली।। इंटरनेट क्या होता है।। वेब क्या होता है।। लिकिंग, क्या यह गलत है।। चित्र जोड़ना - यह ठीक नहीं।। फ्रेमिंग भी ठीक नहीं।। बैंडविड्थ की चोरी - क्या यह गैर कानूनी है।। बैंडविड्थ की चोरी - कब गैर-कानूनी है।।


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इस पोस्ट पर चर्चा है कि क्या बैंडविड्थ की चोरी गैर कानूनी है। यह हिन्दी (देवनागरी लिपि) में है। इसे आप रोमन या किसी और भारतीय लिपि में पढ़ सकते हैं। इसके लिये दाहिने तरफ ऊपर के विज़िट को देखें।

is post pr charcha hai ki kyaa bandwidth kee choree gaer kanoonee hai. yah hindee {devanaagaree script (lipi)} me hai. ise aap roman ya kisee aur bhaarateey lipi me padh sakate hain. isake liye daahine taraf, oopar ke widget ko dekhen.

This post dicusses the issue whether bandwidth theft is illegal? It is in Hindi (Devnaagaree script). You can read it in Roman script or any other Indian regional script also – see the right hand widget for converting it in the other script.

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