पंकज मिश्रा: सैर सपाटा - विश्वसनीयता, उत्सुकता, और रोमांच

बटर चिकन इन लुधियाना (Butter Chicken in Ludhiana), पिछले कुछ सालों में लिखा गया सबसे चर्चित और सबसे लोकप्रिय यात्रा संस्मरण है। इसे पंकज मिश्रा ने १९९५ में लिखा था।

पंकज मिश्रा का यह चित्र कोलंबिया विशवविद्यालय की इस वेबसाइट से लिया गया है और उन्हीं के सौजन्य से है। वहां पर उनकी जीवनी अंग्रेजी में है, जिसे आप पढ़ सकते हैं।

पंकज मिश्रा का जन्म १९६९ में हुआ। उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से कामर्स की स्नातक डिग्री लेकर दिल्ली जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय चले गये। वहां से उन्होंने अंग्रेजी साहित्य में एम.ए. (M.A.) और एम. फिल. (M. Phil) किया। कुछ दिनों तक हापर कॉलिनस में कार्य किया अब मुक्त लेखन करते हैं। इस समय अधिकतर समय, हिमालय की गोद में बसे एक गांव मशोबरा नामक गांव में, व्यतीत करते हैं।

यह पुस्तक कितनी अच्छी लिखी इसका अन्दाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि जब १९९५ में पंकज ने दूसरी पुस्तक २००० में Romantics नाम से लिखी । तब 'बटर चिकन इन लुधियाना' की प्रसिद्घि के कारण रोमांटिक्स लिखने के लिये उन्हें ३ लाख डालर मिले। यह उस समय किसी भी एशिया के लेखक की उस समय तक मिलने वाले सबसे ज्यादा पैसे थे।

इसकी महत्वपूर्ण बात यह है कि यह न तो भारतवर्ष की पर्यटन जगहों के बारे में है न अनूठी तरह से किया गया यात्रा विवरण है। यह भारत के कुछ (१९) शहरों के बारे में है और यात्रा भी बस या फिर ट्रेन के द्वारा की गयी है। इसमें लेखक की यात्रा करने का कोई मकसद नहीं बताया गया है।
'अरे उन्मुक्त जी, इसमें तो कुछ भी नहीं है फिर यह इतनी प्रसिद्ध क्यों है? क्या है इसमें, जो इसे यादगार यात्रा संसमरण बनाता है?'
इंतजार करिये, इतनी भी क्या ज्लदी है - यह अगली बार।


सैर सपाटा - विश्वसनीयता, उत्सुकता, और रोमांच
भूमिका।। विज्ञान कहानियों के जनक जुले वर्न।। अस्सी दिन में दुनिया की सैर।। पंकज मिश्रा।। बटर चिकन इन लुधियाना

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