८. ओपेन सोर्स सौफ्टवेर – कौपीलेफ्ट

इसी विषय पर पिछली पोस्ट थी—सौफ्टवेर कैसे सुरक्षित होता है


 कुछ लोग कॉपीराइट का वर्णन कर कंप्यूटर प्रोग्राम को सुरक्षित  इस प्रकार से  कर रहे हैं कि न तो वे स्वयं उस पर कोई भी मालिकाना हक रख रहें हैं न ही कोई और व्यक्ति उनके द्वारा बनाये गये कं‍प्यूटर प्रोग्राम पर मालिकाना अधिकार रख सकता है। उदाहरणार्थ, यदि मैं कोई कं‍प्यूटर प्रोग्राम लिखूं और उसका सोर्स कोड और ऑबजेक्ट कोड में इस तरह की घोषणा तथा शर्त लगाते हुये प्रकाशित करूं कि

  • यह मैने लिखा है; और
  • इसमें मेरा कॉपीराइट है; और
  • मैं हर व्यक्ति को इस कम‍प्यूटर प्रोग्राम (सोर्सकोड और ऑबजेक्ट कोड) की कापी करने, वितरण करने, तथा संशोधन करने का अधिकार देता हूं। इसके लिये उन्हें मुझे कोई रॉयलटी नहीं देनी होगी;
पर इसकी शर्त यह है कि,

  • यदि वह व्यक्ति कम‍प्यूटर प्रोग्राम का संशोधित करके या बिना संशोधित किये वितरित करता हैं तो उसे भी सोर्सकोड और ऑबजेक्ट कोड प्रकाशित करना होगा; और
  • अन्य लोगों को वही स्वतंत्रता देनी होगी जैसी कि मैंने उसे दी है।
अब इस घोषणा और शर्त के कारण न तो मैं स्वयं न और कोई अन्य व्यक्ति इस कं‍प्यूटर प्रोग्राम के प्रयोग करने अथवा संशोधन करने हक रख सकता है। इस तरह की घोषणा के द्वारा मैने सुनिश्चित कर दिया है कि कोई अन्य व्यक्ति भी इसका प्रयोग अथवा संशोधन बिना कॉपीराइट के उल्लंघन किये कर सकता है । साधारणतय:,  कॉपीराइट का अर्थ यह होता है कि कोई अन्य व्यक्ति उसका प्रयोग अथवा संशोधन उसके मालिक की अनुमति के  न कर सके। यहां कॉपीराइट का प्रयोग करते हुये ठीक इसका उल्टा काम हुआ। कॉपीराइट का यदि कोई उल्टा शब्द हो सकता है तो वह है कॉपीलेफ्ट। यह एक नया शब्द है और अभी तक अंग्रेजी के शब्द कोश में नहीं आया है हालांकि कंप्यूटर शब्दकोश में यह एक प्रचलित शब्द है। जिस कं‍प्यूटर प्रोग्राम के लाईसेंस में इस तरह की घोषणा और शर्त होती है उसे कॉपीलेफ्टेड सॉफ्टवेयर कहा जाता है। इस तरह का सॉफ्टवेयर फ्री सॉफ्टवेयर, भी कहलाता है। इसके बारे में - अगली बार

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