इसी विषय पर पिछली पोस्ट थी—सौफ्टवेर कैसे सुरक्षित होता है
कुछ लोग कॉपीराइट का वर्णन कर कंप्यूटर प्रोग्राम को सुरक्षित इस प्रकार से कर रहे हैं कि न तो वे स्वयं उस पर कोई भी मालिकाना हक रख रहें हैं न ही कोई और व्यक्ति उनके द्वारा बनाये गये कंप्यूटर प्रोग्राम पर मालिकाना अधिकार रख सकता है। उदाहरणार्थ, यदि मैं कोई कंप्यूटर प्रोग्राम लिखूं और उसका सोर्स कोड और ऑबजेक्ट कोड में इस तरह की घोषणा तथा शर्त लगाते हुये प्रकाशित करूं कि
- यह मैने लिखा है; और
- इसमें मेरा कॉपीराइट है; और
- मैं हर व्यक्ति को इस कमप्यूटर प्रोग्राम (सोर्सकोड और ऑबजेक्ट कोड) की कापी करने, वितरण करने, तथा संशोधन करने का अधिकार देता हूं। इसके लिये उन्हें मुझे कोई रॉयलटी नहीं देनी होगी;
- यदि वह व्यक्ति कमप्यूटर प्रोग्राम का संशोधित करके या बिना संशोधित किये वितरित करता हैं तो उसे भी सोर्सकोड और ऑबजेक्ट कोड प्रकाशित करना होगा; और
- अन्य लोगों को वही स्वतंत्रता देनी होगी जैसी कि मैंने उसे दी है।
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