नवीन युग में गणित को लोकप्रिय बनाने में जितना काम मार्टिन गार्डनर ने किया शायद उतना किसी और ने नही किया। मैंने १९६० के दशक के अन्त में विश्विद्यालय में पैर रखा। उस समय अमेरिका में रहने वाले, मेरे एक चाचा ने मेरे लिये साईंटिफिक अमेरिकन1 नाम की पत्रिका भिजवानी शुरू की। मार्टिन गार्डनर उस समय इसमें मनोरंजनात्मक गणित पर एक स्तम्भ लिखा करते थे। उसी से मैं पहली बार उनसे आबरू हुआ। इनमे बहुत सारे लेख पहेलियों के बारे में होते थे। यह बहुत ज्ञानवर्धक और मनोरंजक थे। मार्टिन गार्डनर के लेख मुझे तब से पसन्द हैं| मार्टिन गार्डनर ने आगे चल कर कई पुस्तकें भी लिखीं जिसमें कई पहेलियों के बारे में थीं। उनमे से पहेलियों की मेरी मन पसन्द पुस्तकें निम्न हैं।
- Mathematical puzzles and Diversions
- More Mathematical puzzles and Diversions
- Further Mathematical Diversions
- Mathematical Carnival
- Mathematics Magic and Mystery
- Entertaining Mathematical Rules
- Science Fiction, Puzzle Tales
- Aha! Gotcha, Paradoxes to puzzle and delight
मार्टिन गार्डनर अपनी एक किताब की भूमिका लिखते हुऐ पहेलियों के महत्व को इस प्रकार से समझाया,
'In one of L. Frank Baum's funniest fantasies, The Emerald City of Oz, Dorothy (together with the Wizard and her uncle and aunt) visit the city of Fuddlecumjig in the Quadling section of Oz. Its remarkable inhabitants, the Fuddles, are made of pieces of painted wood cleverly fitted together like three dimensional jigsaw puzzles. As soon as an outsider approaches they scatter in a heap of disconnected pieces on the floor so that the visitor will have the pleasure of putting them together again. As Dorothy's party leaves the city, Aunt Em remarks:
“Those are certainly strange people, but I really can't see what use they are, at all”
“Why, they amused us for several hours,” replies the Wizard. “That is being of use to us, I am sure.”
“ I think they're more fun than playing solitaire or mumbletypeg,” Uncle Henry adds. “For my part, I'm glad we visited the Fuddles.”
मार्टिन गार्डनर ने न केवल पहेलियों के बारे में किताबें लिखीं पर विज्ञान के कुछ पहलुवों के बारे में भी लिखा। इनमे से कुछ किताबें अलग अलग नाम से प्रकाशित की गयीं मैं नही कह सकता कि ऐसा क्यों किया गया पर इसके कारण कुछ भ्रम अवश्य पैदा होता है। इनमे से कुछ किताबें निम्न हैं
- The Ambidextrous Universe.
- Science: Good, Bad, and Bogus यह Fads and Fallacies in the Name of Science नामक किताब का नया रूपान्तर है| इसमें ये ESP और UFO के अन्धविश्वास को दूरकरते हैं|
- The Relativity Explosion यह Relativity for the Million नामक किताब का नया रूपान्तर है|
उपर लिखी सारी किताबें बहुत अच्छी हैं और मेरी मन पसन्द हैं। पढ़ कर देखिये और यदि आपके मुन्ने या मुन्नी नवी कक्षा या उसके उपर पढ़ते हों तो उन्हे अवश्य पढ़ने को दीजये। मार्टिन गार्डनर की पहेलियों पर तथा विज्ञान पर लिखीं पुस्तकें बहुत आसान भाषा में, सरल तरीके से लिखी गयी हैं और पढ़ने लायक हैं। पर उनकी कुछ और किताबें जो कि दर्शन पर लिखी गयीं हैं उनके बारे में यह नहीं कहा जा सकता है। इनमे से मैं कुछ पुस्तकों को समाप्त नही कर पाया, वे हैं
- The Whys of a Philosophical Scrivener; तथा
- The Night is large.
मेरे मन की इच्छा है कि हमारी पहेली बाज का चिठ्ठा, मार्टिन गार्डनर से भी ज्यादा नाम कमाये, ज्यादा लोकप्रिय हो। उसको मेरी शुभकामनायें।
पता चला है कि पहेली बाज अवकाश पर हैं जब तक वह वापस आतें हैं मैं मार्टिन गार्डनर की पुस्तक Entertaining Mathematical Puzzles से दो पहेलियों को आपके लिये पेश कर रहा हूं यह अंग्रेजी मे उन्ही के शब्दों में,
पहली:
पता चला है कि पहेली बाज अवकाश पर हैं जब तक वह वापस आतें हैं मैं मार्टिन गार्डनर की पुस्तक Entertaining Mathematical Puzzles से दो पहेलियों को आपके लिये पेश कर रहा हूं यह अंग्रेजी मे उन्ही के शब्दों में,
पहली:
Divide 30 by ½ and add 10. What's the result?
हम् म् ऽऽऽ...म् जवाब २५ तो नहीं है।
दूसरी:
आप कौन सा औफर लेगें और क्यों। बेशक वह औफर लेंगे जिसमें ज्यादा पैसे मिलते। हम् म् ऽऽऽ...म् पर वह है कौन सा।Suppose you take a new job and the boss offers you a choice between:
- Rs. 40,000 for your first year of work, and a raise of Rs.8,000 for each year thereafter;
- Rs. 20,000 for your first six months of work, and a raise of Rs. 2000 every six months thereafter.
पहेलियों का आजकल बहुत जोर है एक ज़ज साहब पहेली बाज बन गये हैं उन्होने अपने फैसले में एक पहेली बूझ ली। अगली बार हम लोग उस फैसले में बूझी गयी पहेली के बारे और उसके हल के बारे में चर्चा करेंगे।
1साईंटिफिक अमेरिकन अब भारतवर्ष में प्रकाशित होने लगी है यदि आपके मुन्ने या मुन्नी ग्यारवीं कक्षा या उसके उपर पढ़ते हों तथा विज्ञान मे रुचि रखते हों तो इसे उनके लिये मंगवाइये।
सांकेतिक शब्द
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