लिनेक्स का कोई भी आफिस नहीं हैं कोई भी कम्पनी या व्यक्ति इसका मालिक नहीं है पर दुनियां भर के प्रोग्रामर इसमें अपना योगदान देते हैं । दुनियां के इतिहास में इससे बडा, इस प्रकार का आन्दोलन, कभी नहीं हुआ । वह भी जो एक अमेरिका से बाहर के विश्वविद्यालय के छात्र ने शुरू किया| क्योंकि कमप्यूटर विज्ञान में नयी दिशायें दिखाने का वर्चस्व तो केवल अमेरीका का था।
लिनेक्स के सौफ्टवेयर के लिये पैसा नहीं लिया जा सकता पर इसका मतलब यह नहीं है कि इससे पैसा नहीं कमाया जा सकता। बहुत सारी कम्पनियां इस पर सर्विस देकर पैसा कमा रही हैं और चल रही हैं। रेड हैट तथा सूसे (नौवल) इनमें मुख्य हैं।
लिनेक्स के तीन स्तर हैं।
- करनल (Kernel) या कोर: करनल से सीधे कमप्यूटर नहीं चलाया जा सकताउसे चलाने से पहले कमपाईल करना पड़ता है| लिनेक्स करनल को लिनूस टोरवाल्डस देखते हैं।
- डेस्कटौप: आपके कमप्यूटर मे औपरेटिंग सिस्टम किस प्रकार से दिखे उसमें अलग अलग काम करने वाले सौफटवेयर किस प्रकार से चले यह डेस्कटौप पर निर्भर करता है कई तरह के डेस्कटौप हैं पर नोम (Gnome) तथा के.डी.ई. (K.D.E) मुख्य हैं ।
- डिस्ट्रीब्यूशन: किसी करनल से कमप्यूटर चलाने के लिये पहले उसे कमपाईल करना पड़ता है तब वह चलता है । यह कार्य डिस्ट्रीब्यूशन करते हैं इस तरह के लगभग 100 डिस्ट्रीब्यूशन हैं जिसमें रेड हैट, सूसे ( नौवल ) तथा मैनड्रिवा मुख्य हैं। हर डिस्ट्रीब्यूशन कम से कम नोम तथा के.डी.ई. दोनो डेस्कटौप रहते हैं| आप दस मुख्य डिस्ट्रीब्यूशन के बारे मे यहां पढ़ सकते हैं
लिनेक्स से सम्बन्धित कुछ मुकदमें चल रहें हैं। उनके बारे में भी जानना आवश्यक है। उसके पहले अगली बार यूनिक्स पर चल चुके मुकदमे की चर्चा करेंगे|
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