पिछली पोस्ट- फ्री सौफ़टवेर: इतिहास|
फ्री या कापीलेफटेड साफटवेयर में निम्न बातें मुख्य हैं -
- इसमें सोर्स कोड हमेशा प्रकाशित किया जाता है
- इस तरह के सौफटवेयर के लिये कोई पैसा या रौयल्टी नहीं देनी पडती है पर यदि उसके सम्बन्ध में यदि आप कोई सर्विस दे रहें है तो सर्विस देने का पैसा ले सकते हैं|
- इस तरह के सौफटवेयर को कोई भी संशोधित कर सकता है
- इस तरह के सौफटवेयर को संशोधन करने के बाद प्रकाशित करने या बाटंने की कोई आवश्यक्ता नही है| आप उसे बिना प्रकाशित या बाटें अपने संगठन में प्रयोग कर सकते हैं|
- सोर्सकोड प्रकाशित करना पडेगा;
- अन्य लोगों को संशोधन करने की स्वतंत्रता देनी होगी; तथा
- सौफटवेयर के लिये कोई पैसा या रौयल्टी नहीं ली जा सकती है|
स्टालमेन ने कुछ वकीलों की मदद से जनरल पब्लिक लाइसेंस (General Public License) (GPL) लिखा, जिसमें इस तरह की घोषणा एवं शर्त है जो किसी भी साफटवेयर को कौपीलेफट करता है| इसलिये इस तरह के सौफ्टवेर को गीपीएल्ड (GPLed) सौफ्टवेर भी कहा जता है| यानि कि फ्री सौफ्टवेर या कौपीलेफ्टेड सौफ्टवेर या गीपीएल्ड सौफ्टवेर एक ही तरह के सौफ्टवेर के पर्यायवाची शब्द हैं|
क्या ओपेन सोर्स सौफ्टवेर इन सौफ्टवेर से अलग होता है? क्या होता है ओपेन सोर्स सौफ्टवेर? अगली बार - इसी के बारे में चर्चा करेंगे|
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