- क्या भौतिक शास्त्र मे उसी तरह से उन्ही विषयों के साथ पढ़ाया जाय जैसे अभी तक पढ़ाया जा रहा था; या फिर
- नयी तरह से नये विषयों के साथ पढ़ाया जाय|
फाइनमेन ने १९६१-६३ मे कैल-टेक मे स्नातक के विद्यार्थियों को भौतिक शास्त्र पढ़ाया - कितने भाग्यशाली थे वह विद्यार्थी| इतिहास गवाह है कि आज तक इतने बड़े वैज्ञानिक ने कभी स्नातक के विद्यार्थियों को नहीं पढ़ाया| इन तीन साल ने भौतिक शास्त्र को पढ़ाने की नयी दिशा दी - भौतिक शास्त्र नयी तरह से नये विषयों के साथ पढ़ाया जाने लगा| इन लेक्चरों को तीन किताबों ने बदला गया| यह लाल बाईंडिंग मे थीं और 'Lectures on Physics by Richard P Feynman के नाम से मशहूर हुईं|
गणित और भौतिक शास्त्र हमेशा से मेरे प्रिय विषय थे| मैने स्कूली जीवन, हवाई-जहाज के मौडल, ट्रांजिस्टर, तथा अन्य मौडल बनाते गुजारा| १९६० के दशक मे १२वीं पास कर जब स्नातक की कक्षा मे कदम रखा तो हमे भौतिक शास्त्र इन्ही लाल बाईंडिंग की 'Lectures on Physics by Richard P Feynman' की किताबों से पढ़ाया जाना शुरू किया गया| उस समय अपने देश मे शायद यह किताब और कहीं नहीं चलती थी| तब से हम सब, न केवल कैल-टेक जाने की सोचने लगे, पर फाईनमेन के साथ काम करने का भी सपना संजोने लगे| मै तो फाईल पलटने वाला बन गया पर मेरे कुछ मित्र न केवल कैल-टेक गये पर उन्हे फाइनमेन के साथ काम भी किया|
फाईनमेन का व्यक्तित्व ही कुछ अलग ही था| इसमे उनके पिता का भी हांथ था| यह, और बहुत कुछ, जाने के अगली बार|
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